Wednesday, June 1, 2016

जन्मदिन की बधाई


जन्मदिवस पर शुभकामनाओं सहित 

चिरपरिचित लौह द्वार
छोटा सा लॉन और हरी घास (जिस पर बिखरे
ताजे झड़े, सूखे, पीले पत्ते
एक कलाकृति का आभास देते हैं)
से गुजरकर भव्य बैठक और
सभी सुविधाओं से सज्जित रसोईघर
चिप्स, अखरोट व फलों से करती स्वागत
देखते ही देखते वह  
व्यंजनों से सारी मेज सजा देती हैं
पिछला बरामदा है गवाह चाय की प्यालियों का
जब चलता है धाराप्रवाह सिलसिला बातों का
नाशपाती, लीची, अनार व अमरुद के वृक्षों से
छन-छन आती है हवा
नीचे सुंदर टाइल्स से सजा आंगन का फर्श
जो हवा के हल्के से झोंके से भर जाता है
बौर और नन्हीं पत्तियों से
इसे पार कर दायें व बाएं दो बगीचे
एक में लगे ईख के झुण्ड मन मोहते है
और वे उम्र व श्वेत वस्त्रों की परवाह किये बिना
अपने हाथों से उन्हें तोड़
दराती से स्वच्छ कर थमाते हैं
साथ ही आ जाती है ऊष्मा उनके अंतर की
तभी नजर आते है वृक्षों पर कूदते-फांदते वानर
शाक वाटिका में ऊधम मचाते
कंदमूल उखाड़ खाते
चाहते हैं आज मधुर शर्करा ईख की भी
उनके साथ बाँट कर खाईं
उस दिन ईख की मीठी गनेरियां
संध्या रहते गए टहलने
बड़ा सा अहाता और ढेरों कमरे
कमरों के अंदर से खुलते कमरे
देहरादून में है उनकी जागीर

सुबह-साँझ मंदिर में दियाबाती कर
भजन की स्वरलहरी का गुंजाना
अतिथियों को विदा करना प्रेम से
मन के पटल पर अंकित हो गया है...  

चांदी से चमकते केशों में झलकता है एक ठहराव
और परिपक्वता
आँखों में स्नेह उन मजबूत कंधों के लिये
जो उठा सकें उत्तरदायित्व

इस मिल्कियत का जिसकी नींव उन्होंने रखी है... 

विवाह की वर्षगाँठ पर

विवाह की वर्षगाँठ पर

नहीं भरोसा रहा तुम्हारा
चुपके-चुपके क्या कर डालो,
कार चलाना सीख रही हो
घर संग, स्टीयरिंग भी सम्भालो !

शॉपिंग करती, पहनो मैचिंग
दूर-दूर तक जाओ घूमने,
पूरी करो हसरतें दिल की
नहीं अधूरे रहें ये सपने !

तुम भी तो मन के मालिक हो
टीवी के ऐसे दीवाने, 
रहे कैमरा हाथों में या
वाह, वाह ! के सुनो फसाने !

सेहत देख आपकी अब तो
किचन में सारे व्यंजन बनते,
जो तुमको रुचता हो अक्सर
सालन भाजी वही तो बनते !

प्रिय पुत्री है गर्व हमारा
दोनों की आदतें हैं जिसमें,
वही साक्षी हम दोनों की
प्रेम हमारा झलके उसमें !

सेवा कर माँ को खुश रखें
यही प्रयास चला करता है,
जीवन के क्रम चलते रहते

यह दिन भला-भला लगता है !

जन्मदिन पर बधाई

जन्मदिन पर ढेरों शुभकामनाओं सहित


जीवन ऐसा सफर है जिस पर
सुख-दुःख चलते साथ हमारे,
एक बिना रह पाए न दूजा
मिलकर दोनों राह संवारें !

तुमने भी इस मोहक पथ पर
बरसों पहले कदम बढ़ाए,
स्नेह छाया में माँ-बाबा की
भाई-बहन संग नगमे गाये !

हुई कल्पना सत्य, पाया
जब जीवन साथी मन भावन,
रुचियाँ एक, साम्य सोच में
बंधन बना अति ही पावन !

दी आजादी संग ममता के
आत्मविश्वास दिया बिटिया को,
एक पूर्ण व्यक्तित्त्व है माना
जाना नहीं अबोध सुता को !

श्रम करती हुई भी मुस्काती
अद्भुत साहस तुमने पाया,
जीवन के रस को चखने में
सदा स्वयं को आगे पाया !

इसी भांति सदा साहस भर
कर्त्तव्य पथ पर चलना,
दूर हटा बाधाएँ सारी
यूँ ही सदा हँसती रहना !


जन्मदिन पर

 जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं सहित


आस्ट्रेलिया ने मोहा मन को
सुंदर प्रकृति खुली फिजायें,
सागर तट व नीला अम्बर
बॉलीवुड की फिल्में भाएँ !

दिल है कोमल भावुक अंतर
औरों की पीड़ा छू जाती,
अपना सबको दिल से माना
भेदभाव न फिर सह पाती !

परिचित रहती है खोजों से
वैज्ञानिक दृष्टि कोण है,
काम जरूरी निपटा लेती
डे केयर में रोहन खुश है !

ड्यूटी पहले पीछे सुविधा
काम से न समझौता करती,
अपनी कम्पनी की पैरवी
अवसर पा हर मोड़ पे करती !

अन्याय को सह न पाती
भीतर देश प्रेम का जज्बा,
केश रेशमी, हँसती आँखें
है अंतर में विश्वास घना !

एक जागरूक विश्व नागरिक 
माँ-पापाकी प्यारी बिटिया,
शानूजी के दिल में रहती
एवोकैडो अति है भाता !

जगती-सोती रातें काटीं 
खुश रहती हर पल हर छिन,
शौक बहुत पढ़ने का रखती 
रोहन के संग बीतें दिन !