जन्मदिन पर
ढेर सारी शुभकामनाओं सहित
बाल सुलभ भोला सा
मन है
भारी पर फुर्तीला
तन है,
मुखड़े से मुस्कान
न जाये
सारे जग से
अपनापन है !
गुरूशरण में बीते
हर पल
देश भ्रमण का
पाया अवसर,
'खुशियाँ बांटो'
दे पैगाम
नये-नये लोगों से
मिलकर !
प्यारी सी
जीवनसाथी है
बेटे सा दामाद
मिला है,
जान छिड़कती दोनों
बेटी
सुंदर जीवन कमल
खिला है !
सिर पर सदा है
स्नेहाशीष
पापाजी व भाइयों
का भी,
बहनों का अति
प्रिय भाई है
अन्य सब
संबंधियों का भी !
इसी तरह अपने
जीवन से
सहज प्रेम संदेश
दे रहे,
मन की गहराई में
जाकर
सच्चे मोती परम
ले रहे !
भीतर है इक राज
अनोखा
गुरूकृपा से जान
लिया है,
सदा मस्त रहो, प्रशस्त बनो
महा सूत्र
स्वीकार लिया है !
आज छोटे भाई का जन्मदिन है

आप हर लाइन में एक ऐसे इंसान की झलक दिखाते हो जो दिल से बच्चा है और जीवन को पूरे प्यार से जीता है। आपकी कविता पढ़कर लगता है जैसे कोई अपने अनुभवों से दूसरों को मुस्कुराना सिखा रहा हो।
ReplyDeleteजीवन इसी सीखने और सिखाने का ही तो नाम है!! स्वागत व आभार!
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