Thursday, February 24, 2022

ऐसे ही मुस्कान बिखराओ

प्रिय ननद के लिए 

जन्मदिन पर शुभकामनाओं सहित 


​​अन्नपूर्णा सी हर मन तृप्त करती 

नए-नए पकवानों से घर-बाहर 

सबकी क्षुधा शांत करती 

खाखरा, थेपला, खमण ढोकला, ईदड़ा,

खांडवी, फ़ाफड़ा और दाल-पकवान 

बनाती बासुंदी, सेव की मिठाई, 

चकली और फरसान 

इसी तरह घर में भरी रहे महक 

पारंपरिक व्यंजनों की 

बहुत बहुत बधाई हो तुम्हें जन्मदिन की ! 

गुरु पर आस्था और आत्मज्ञान पर विश्वास 

जीवन के हर इम्तहान में करते आए हैं पास 

अति धैर्य से जीवनसंगी का 

हर सुख-दुःख में साथ निभाती 

पुत्रियों के सुखमय भविष्य की 

हर श्वास में कामना करती 

नन्हें नातियों की प्रिय नानी 

बचपन में माँ जिसको  बुलाती थीं प्यार से रानी 

खुश रहो हमेशा  ऐसे ही मुस्कान बिखराओ  

अपनी सहज मुद्रा से हँसी की फुलझड़ी जलाओ 

आज हम मिलकर शुभकामना देते हैं 

सपने पूरे हों दिल के सभी 

रब से यही दुआ करते हैं !


Thursday, February 17, 2022

जीवन में विवेक जब जागे

जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं सहित 


बचपन की याद का घरौंदा 

अंतर्मन में एक बसा है, 

कृतज्ञता का भाव जगा तो 

हर अलगाव यूँही बहा है !  


जीवन में विवेक जब जागे 

उर में पावन प्रेम निखरता, 

सत्य-असत, शाश्वत-नश्वर का 

अंतर उर में स्वयं प्रकटता !


जीवन में अनुशासन आया 

प्रकृति प्रेम हर भोर बुलाए, 

दूर-दूर तक भ्रमण चले या 

बगिया में कुछ फूल उगाए !


सुर-ताल की जमी है महफ़िल 

सदा बाँटने से सुख बढ़ता,    

ध्यान-योग के सत्र भी चलें 

है द्वार सदन का सदा खुला !


कुछ नवीन करने का जज़्बा 

जीवन को नव अर्थ दे रहा, 

छुपी हुई प्रतिभा भी जागी 

काव्य कला में हाथ सध रहा !


सृजन, ध्यान, चिंतन या भोजन 

हर मोड़ पर साथ परिवार, 

पुत्रियों को संस्कार मिल रहे 

प्रिया के दिल को ख़ुशी अपार !


जन्मदिवस पर यही कामना 

स्वप्न सभी साकार हो सकें, 

गहराई ऐसी हो मन में 

जीवन निज हर मर्म जता दे !


Thursday, February 10, 2022

स्वप्न पूर्ण हों इसी तरह सब

छोटी बहन के लिए 

विवाह की वर्षगाँठ पर 

 

इक दूजे को सदा खुश रखें 

यही प्रयास चला करता है,

जीवन के क्रम चलते रहते

यह दिन भला-भला लगता है !


नयी चुनौती लेने ख़ातिर 

दोनों आज खड़े हैं पथ पर,

परीक्षा की तैयारी है 

रेस्त्राँ भी खुलने को तत्पर !


जैसे जैसे बढ़ा तजुर्बा 

नयी नयी योजना बनायीं, 

अपनी मेहनत के बल पर ही 

आज हक़ीक़त में उतारीं !


नियमित चले साधना घर में 

बगिया में  फूलों की शान, 

बिटिया संग मनेगा शुभ दिन 

थोड़े से होंगे मेहमान !


हम सब यही दुआ करते हैं 

स्वप्न पूर्ण हों इसी तरह सब, 

उन्नति के शिखरों को छू लो 

संग सदा हैं गुरू और रब !