Thursday, February 10, 2022

स्वप्न पूर्ण हों इसी तरह सब

छोटी बहन के लिए 

विवाह की वर्षगाँठ पर 

 

इक दूजे को सदा खुश रखें 

यही प्रयास चला करता है,

जीवन के क्रम चलते रहते

यह दिन भला-भला लगता है !


नयी चुनौती लेने ख़ातिर 

दोनों आज खड़े हैं पथ पर,

परीक्षा की तैयारी है 

रेस्त्राँ भी खुलने को तत्पर !


जैसे जैसे बढ़ा तजुर्बा 

नयी नयी योजना बनायीं, 

अपनी मेहनत के बल पर ही 

आज हक़ीक़त में उतारीं !


नियमित चले साधना घर में 

बगिया में  फूलों की शान, 

बिटिया संग मनेगा शुभ दिन 

थोड़े से होंगे मेहमान !


हम सब यही दुआ करते हैं 

स्वप्न पूर्ण हों इसी तरह सब, 

उन्नति के शिखरों को छू लो 

संग सदा हैं गुरू और रब !





2 comments:

  1. शब्दों के माध्यम से बहुत सुंदर उपहार, आदरणीया शुभकामनाएँ ।

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