Thursday, February 17, 2022

जीवन में विवेक जब जागे

जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं सहित 


बचपन की याद का घरौंदा 

अंतर्मन में एक बसा है, 

कृतज्ञता का भाव जगा तो 

हर अलगाव यूँही बहा है !  


जीवन में विवेक जब जागे 

उर में पावन प्रेम निखरता, 

सत्य-असत, शाश्वत-नश्वर का 

अंतर उर में स्वयं प्रकटता !


जीवन में अनुशासन आया 

प्रकृति प्रेम हर भोर बुलाए, 

दूर-दूर तक भ्रमण चले या 

बगिया में कुछ फूल उगाए !


सुर-ताल की जमी है महफ़िल 

सदा बाँटने से सुख बढ़ता,    

ध्यान-योग के सत्र भी चलें 

है द्वार सदन का सदा खुला !


कुछ नवीन करने का जज़्बा 

जीवन को नव अर्थ दे रहा, 

छुपी हुई प्रतिभा भी जागी 

काव्य कला में हाथ सध रहा !


सृजन, ध्यान, चिंतन या भोजन 

हर मोड़ पर साथ परिवार, 

पुत्रियों को संस्कार मिल रहे 

प्रिया के दिल को ख़ुशी अपार !


जन्मदिवस पर यही कामना 

स्वप्न सभी साकार हो सकें, 

गहराई ऐसी हो मन में 

जीवन निज हर मर्म जता दे !


4 comments:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (१९-०२ -२०२२ ) को
    'मान बढ़े सज्जन संगति से'(चर्चा अंक-४३४५)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  2. बहुत सुंदर भावों से सुशोभित अभिनव सृजन।
    शुभकामनाएं।

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