Friday, March 13, 2015

जन्मदिन पर

जन्मदिन पर 

अल्हड़ छोरी, दीपा रानी
प्यारा मुखड़ा, मीठी वाणी,
खूब किताबें पढ़ती है पर
मोबाइल की है दीवानी !

नये-नये फैशन वह जाने
तरह-तरह की मुद्राएँ भी,
सखियों संग पटती है खूब
कभी मुक्त हो गाये भी !

पैरों में छिपा है नाच
दिल भी ताता थैया करता,
कभी किसी को नहीं सताता  
सुख बांटे यह इच्छा करता !

दीदी-जीजू जान छिड़कते
माँ-पापा की आँख का तारा,
जन्मदिवस पर लो बधाई
बीते सुख से जीवन सारा !


7 comments:

  1. बहुत प्यारी कविता।

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  2. प्यारी कविता ..मेरी तरफ से भी ढेर सारी बधाई
    भ्रमर ५

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  3. जनम दिवस की तुम्हें बधाई ,

    खाओ लड्डू और मिठाई।

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  4. जनम दिवस की तुम्हें बधाई ,

    खाओ लड्डू और मिठाई।

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  5. बहुत ही अच्छी कविता।जनम दिवस की बधाई.। मेरे नए पोस्ट पर आपकता इंतजार रहेगा।

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  6. उत्तम रचना ...............जनदिन की बधाई

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  7. अभिषेक जी, सुरेन्द्र जी, वीरू भाई, प्रेम सरोवर जी, और हर्षिता जी, आप सभी का स्वागत व आभार !

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