प्रिय दीदी के लिए
जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ
झरती है मुस्कान अधर से
पुष्प विटप से ज्यों झरते हों,
आश्वासन देता सा स्वर है
पल-पल प्रेम बरसता उर से !
अनुशासन की शक्ति चलाये
नहीं प्रमाद, कोई शिथिलता,
बिना थके या उलझे मन से
जीवन क्रम नित आगे बढ़ता !
पूरे मनोयोग से अपने
अतिथियों का स्वागत करतीं,
कहीं भी कोई कमी न छोड़ें
नित्य नये व्यंजन बनातीं !
सुखमय उनकी छाया बनकर
जीजा जी का साथ निभाया,
हर सुख-दुख में दिया हौसला
अंतर में विश्वास जगाया !
२ जून २०२४
अनिता
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