Friday, August 21, 2015

जन्मदिन मुबारक

 जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ

मस्ती की ओढ़े चादर
दिल जैसे गहरी गागर,
छलक रहीं उम्मीदें पावन
लहरें ज्यों नाचें सागर !

हरी-भरी वादियाँ भातीं
ऊंचे पर्वत से सपने हैं,
प्रीत पुरानी पलती उर में
बसते मन में सब अपने हैं !

उत्तरांचल की पुण्य भूमि में
ध्यान किया हिम शिखरों पर,
किन्तु न टूटी मधुरिम धारा
अब दिल्ली की भी सडकों पर !

सदा समर्पित कर्त्तव्य को
है अनंत से जोड़ा बंधन,
तुष्टि, पुष्टि पाए हर पल
उत्सव एक बना है जीवन !

जन्मदिन तो एक बहाना
सदा दुआएं सब देते हैं,
भाव पुष्प कुछ उमड़े उर में
यह उपहार तुम्हें देते हैं !

अनिता दीदी

२२ अगस्त २०१४ 

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