Saturday, December 10, 2016

ख़्वाब कई बन्द पलकों में



ख़्वाब कई बन्द पलकों में 

दुबली-पतली सी इक बाला 
मीठी बोली, रंग सांवला 
शिक्षा अब पूरी होने को 
जॉब  ढूंढती बढ़िया वाला !

डिजाइनर वस्त्र पहनती 
केश बनाती है हर बार,
पिक्चर, मॉल घूमने जाती 
बड़ी अदा से हो तैयार !

घर में छोटी, बड़ी लाडली 
 अति प्रिय भाई-बहनों की,
मामा, मासी सभी चाहते 
 नाज उठाते माँ-पापा भी !

ख़्वाब कई बन्द पलकों में 
 आयी बेला सच करने की,
निज पैरों पर शीघ्र खड़ी हो 
अंतर की शक्ति तोलगी !

जन्मदिवस पर ढेर बधाई 
सबका आशीर्वाद समेटो,
स्वस्थ सदा,आत्म तुष्ट हो 
प्यारी सी मुस्कान बिखेरो !





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