मुखड़े पर मुस्कान थिरकती
केश रेशमी लहराते से
बलखाती है चाल नशीली,
नयनों में है इक स्वप्न सजा है
मुखड़े पर मुस्कान थिरकती !
बड़ी चुलबुली नटखट बाला
मस्ती रग-रग में बसती है,
संग सखियों के मौज मनाती
बात-बात पर वह हँसती है !
सुखद यात्राएँ करवाती
स्वयं घूमने की शौक़ीन,
गीत बसे अधरों पर सुंदर
खाती खुशियों की नमकीन !
माँ, पापा, बहना की प्रिय है
दादा-नाना जी को गर्व है,
मासी, बुआ, चाची सबका
आशीष सदा मिलता है !
जन्मदिवस पर लो दुआएँ
जीवन खिले गुलाबों जैसा,
नए वर्ष में मिल जाएगा
साथी कोई ख्वाबों जैसा !
सुन्दर शब्द रचना
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनाएं
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