Friday, December 16, 2016

मुखड़े पर मुस्कान थिरकती

मुखड़े पर  मुस्कान थिरकती


केश रेशमी लहराते से 
बलखाती है चाल नशीली,
नयनों में है इक स्वप्न सजा है 
मुखड़े पर  मुस्कान थिरकती !

बड़ी चुलबुली नटखट बाला 
मस्ती रग-रग में बसती है,
संग सखियों के मौज मनाती 
बात-बात पर वह हँसती  है !

सुखद यात्राएँ करवाती 
स्वयं घूमने की शौक़ीन,
गीत बसे अधरों पर सुंदर 
खाती खुशियों की नमकीन !

माँ, पापा, बहना की प्रिय है 
दादा-नाना जी को गर्व है,
मासी, बुआ, चाची सबका 
 आशीष सदा मिलता है !

जन्मदिवस पर लो दुआएँ 
जीवन खिले गुलाबों जैसा,
नए वर्ष में मिल जाएगा  
साथी कोई ख्वाबों जैसा !






1 comment:

  1. सुन्दर शब्द रचना
    नव वर्ष की शुभकामनाएं
    http://savanxxx.blogspot.in

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