Thursday, January 14, 2021

बगिया श्रम से नित्य निखरती

बहनोई जी के लिए 
जन्मदिनपर ढेर सारी शुभकामनाओं सहित 

हुए प्रौढ़ पर दिल में अब भी
नन्हा सा एक बालक रहता,
मुखड़े पर बन हास्य कभी जो
चुहल भरी बातों में दिखता !

भोर बीतती फूलों के संग
बगिया श्रम से नित्य निखरती,
रसलखेमा की सुबह-शामें
कैद कैमरे में भी होतीं !

सुंदर घर औ' स्वच्छ रास्ते
रोज दुबई की सैर कराते,
उत्तम शेफ होने के राज
अब दूसरों को बतलाते !

सुर-संगीत बसा है दिल में
मधुर गीत अधरों पर रहते,
नए-नए पकवान बनाकर
घर-बाहर सबको खुश रखते !

हरफन मौला पापा पाकर
दोनों बिटियाँ करती नाज,
जीवन संगिनी सदा साथ है
है गुरु ज्ञान पर दृढ़ विश्वास !

जन्मदिवस पर हम सब देते
यह दुआ सब स्वप्न हों पूरे,
इसी तरह हँसते-मुस्काते
जीवन का हर इक क्षण बीते
 

4 comments:

  1. शुभकामनाओं सहित।
    सादर।

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  2. वाह ! बहुत सुंदर । उन्हें हमारी ओर से भी विलम्बित शुभकामनाएं ।

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  3. बहुत बहुत सराहनीय

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  4. बहुत सराहनीय रचना

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