Monday, January 4, 2021

कितने मौसम आयें-जाएं

प्रिय ननद के लिए 
जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं सहित 
सत्संग की महिमा अपार है
अंतर्मन को देता शक्ति,
जीवन प्रभु की देन है सुंदर
यदि मन में हो उसकी भक्ति !

कितने मौसम आयें-जाएं
सदा खिला रहता है मुखड़ा,
गुरू का ज्ञान बसाया दिल में
सँवर गया ज्यों चाँद का टुकड़ा !

सुबह शाम घर भर की सेवा
गेहूँ, हल्दी पीसा धनिया,
घंटों रही खड़ी पैरों पर
चिक्की,और बनाया खोया !

रिश्तों की अहमियत जानती
प्रेम भाव अंतर में समाया,
प्रेरित किया सदा पुत्रियों को
हमराही का साथ निभाया !

इसी तरह भर आत्मशक्ति से
हर स्वप्न को पूर्ण करो तुम,
जन्मदिवस पर यही कामना
हर दिन हर घड़ी हो अनुपम ! 


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