प्रिय भाई के लिए जन्मदिन पर
शुभकामनाओं सहित
अर्द्धशतक पार हुआ जीवन का
पर बचपन अभी तक थामे है अंगुली
आँखों में वही शरारत
..और अधरों पर छलकती हँसी
उल्लास का हाथ थामा है
बनाया है मीत सत्य को..
हर पल घटते उत्सव की तरह
जीया है जीवन.. पाया भीतर अनंत को
जन्मदिन तो एक बहाना है
हर दिन गीत यही गाना है
इसी दिन सागर में जो लहर उठी थी
मुबारक हो खुशियाँ उसे इस सुंदर संसार की
इस जगत में ‘होना’ मात्र ही सार्थक हो जिसका
अभाव होगा भला उसे किसका..
फिर भी..जन्मदिवस पर हार्दिक शुभकामनायें
अर्द्धशतक पार हुआ जीवन का
ReplyDeleteपर बचपन अभी तक थामे है अंगुली
बहुत सुंदर रचना
अर्द्धशतक पार हुआ जीवन का
ReplyDeleteपर बचपन अभी तक थामे है अंगुली
बहुत सुंदर सृजन
वाह अनीता जी, इतनी खूबसूरत शुभकामनाऐं...अर्द्धशतक पार हुआ जीवन का
ReplyDeleteपर बचपन अभी तक थामे है अंगुली...इन दो लाइनों में सारी कथा सिमटी है.. वाह
अद्त तरीके से दिया गया शुभकामना संदेश....इसे कोई भी आसानी सेभुला ना पाएगा। आज से मैं भी इसी तरह दिया करूंगी शुभकामनाऐं। बहुत खूब अनीता जी
ReplyDeleteबहुत बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteभाई को जन्म दिन की ढेरों शुभकामनाएं
बहुत सुंदर
ReplyDeleteभाई को जन्म दिन की ढेरों शुभकामनाएं
मुग्ध करती सभी रचनाएँ रिश्तों की पवित्रता को उच्चतम शीर्ष की ओर ले जाती हैं, प्रभावशाली लेखन - - नमन सह आदरणीया।
ReplyDeleteजन्मदिन के अवसर पर अत्यंत सुंदर रचना।
ReplyDeletehttps://hindisuccess.com
वाह बहुत सुंदर रचना, जन्मदिन के अवसर पर
ReplyDeleteआप सभी का हृदय से आभार!
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