Thursday, April 14, 2022

मुबारक हो संग साथ

विवाह की वर्षगांठ पर शुभकामनाओं सहित 

(छोटी बहन के लिए) 


पिछवाड़े आंगन की 

बगिया में फूल खिले 

बैंगनी, हरे, लाल और श्वेत

डलिया भर शाक उतरे 

बीचोंबीच बनाया ईंटों का अग्निस्थल 

लोहड़ी की पावन आग जली  

एक किनारे लगा तंदूर पारंपरिक 

मिस्सी रोटी की सुगन्ध उड़ी

आँखों में चमक, अधरों पर हँसी

मुखड़ों पर तृप्ति बिछी 

बैठक में क्रिसमस की 

 शोभा है शेष अभी

 बना है एक आशियाना

सुंदर सजीले स्वप्नों का 

पूजा घर में देवों संग मुस्काते हैं साईं

गुरूजी ने भी है धूनी रमाई 

मुबारक हो संग साथ बरसों पुराना 

जुड़ता जा रहा है हर पल जिसमें नया तराना !



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