Thursday, April 7, 2022

अधरों पर आनन्द रागिनी



जन्मदिन पर

शुभकामना सहित


पढ़ना, लिखना, गुनना, भाता भीतर की दुनिया की राही, सत्य नजर से देखे दुनिया, सुख की नव परिभाषा पाई !

अब जब नीड़ हुआ है खाली,
बच्चे कभी-कभी आते हैं, घर में एक मन्दिर बनाया, पर्व पड़ोस संग मनते हैं !

मोह नहीं गहनों, वस्त्रों का मुक्त हृदय की बनी स्वामिनी, मुखड़ा आत्म ज्योति से दमके, अधरों पर आनन्द रागिनी !

सीधी, सरल, प्रेममय अंतर मिलने वालों का दिल छूती, तप कर सोना और निखरता, दर्प, गर्व से सदा अछूती !



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