Thursday, April 28, 2022

शुभ दिन आया भर उल्लास


विवाह की वर्षगाँठ पर

वर्षों का है साथ पुराना

एक हुए थे दोनों आज,

एक-दूजे की कीमत जानें

रिश्ते पर दोनों को नाज !

 

शुभ दिन आया भर उल्लास

याद दिलाने उस बंधन की,

जीवन में आगे ले जाता

प्रीत जगी है प्रभु पावन की !

 

सद्गुरु का आलोक जगा है

मन में आया परम प्रकाश,

हर दुःख को हँस कर सह लेते

चिंता का नहीं अवकाश !

 

बेटी की खुशियाँ चाहते

सदा प्रेरणा उसको देते,

सुखी रहे घरबार सम्भाले

हिम्मत और सहारा देते !

 

हम सब की भी यही दुआ है

स्वप्न आपके सब हों पूरे,

कोई बात न बिगड़े अब से

नहीं रहें कोई काम अधूरे !

 

9 comments:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(३०-०४ -२०२२ ) को
    'मैंने जो बून्द बोई है आशा की' (चर्चा अंक-४४१६)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  2. बेटी की खुशियाँ चाहते

    सदा प्रेरणा उसको देते,

    सुखी रहे घरबार सम्भाले

    हिम्मत और सहारा देते !



    हम सब की भी यही दुआ है

    स्वप्न आपके सब हों पूरे,

    कोई बात न बिगड़े अब से

    नहीं रहें कोई काम अधूरे !
    .. रिश्तों के खूबसूरत अहसास में पगी सुंदर रचना ।

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  3. बेहद खूबसूरत रचना।

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  4. विवाह के वर्षगाठ की हार्दिक शुभकामनाएं, दी।

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  5. विवाह वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनायें अनीता जी...आप ऐसे ही हमें अपने रचना संसार से आल्‍हादित करती रहें...सद्गुरु का आलोक जगा है

    मन में आया परम प्रकाश,

    हर दुःख को हँस कर सह लेते

    चिंता का नहीं अवकाश !...यादगार रचना रहेगी ये...

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  6. आपको विवाह की वर्षगांठ पर हमारी हार्दिक शुभकामनायें...आप ऐसे ही हमें अपनी रचनाओं से आल्‍हादित करती रहें..सद्गुरु का आलोक जगा है

    मन में आया परम प्रकाश,

    हर दुःख को हँस कर सह लेते

    चिंता का नहीं अवकाश !

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