Sunday, April 24, 2022

गगन दे रहा उसे दुआएं

नन्ही के जन्म पर


नन्ही सी इक राजकुमारी 

देख-देख कर उमड़े प्यार, 

कोमल केश, गुलाबी रंगत 

ऊँ ऊँ करके रही पुकार ! 


जाने कितने स्वप्न लिये 

आयी रचने नव संसार, 

खुशियाँ देने माँ-पापा को 

हम सबका भी पाने प्यार ! 


मुँह खोल अंगडाई लेती 

घंटों आँखें मूंदे रहती, 

हल्की सी मुस्कान कभी 

अधरों पर लाके कुछ कहती ! 


एक अनूठा तोहफा हो ज्यों 

कुदरत ने जो है सौंपा  

देख-देख दिल हर्षित होता 

दादी, नानी संग सबका  ! 


गगन दे रहा उसे दुआएं 

पवन दे रही है आशीष

हम सब भी शामिल हैं उसमें 

प्रेम भरी दें शुभाशीष ! 


2 comments:

  1. गगन दे रहा उसे दुआएं

    पवन दे रही है आशीष

    हम सब भी शामिल हैं उसमें

    प्रेम भरी दें शुभाशीष
    लाजबाव पंक्तियां

    ReplyDelete