नन्ही के जन्म पर
नन्ही सी इक राजकुमारी
देख-देख कर उमड़े प्यार,
कोमल केश, गुलाबी रंगत
ऊँ ऊँ करके रही पुकार !
जाने कितने स्वप्न लिये
आयी रचने नव संसार,
खुशियाँ देने माँ-पापा को
हम सबका भी पाने प्यार !
मुँह खोल अंगडाई लेती
घंटों आँखें मूंदे रहती,
हल्की सी मुस्कान कभी
अधरों पर लाके कुछ कहती !
एक अनूठा तोहफा हो ज्यों
कुदरत ने जो है सौंपा
देख-देख दिल हर्षित होता
दादी, नानी संग सबका !
गगन दे रहा उसे दुआएं
पवन दे रही है आशीष
हम सब भी शामिल हैं उसमें
प्रेम भरी दें शुभाशीष !
गगन दे रहा उसे दुआएं
ReplyDeleteपवन दे रही है आशीष
हम सब भी शामिल हैं उसमें
प्रेम भरी दें शुभाशीष
लाजबाव पंक्तियां
:)))
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