जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं सहित
तीन राजकुमारों की माँ
वर्डल की दीवानी भी हो,
यूएई यादों में बसा है
परियों की कहानी सी हो !
स्वप्न देखते वे नींदों में
जिन्हें भरा तुमने आँखों में,
पालन-पोषण पल-पल मिलता
सदा सुलाया है बाँहों में !
प्रकृति से परिचय करवाती
पढ़ती हो पेड़ों की धड़कन,
प्राणी जगत से सहज प्रेम है
पत्तों फूलों से अपनापन !
सृजन की क्षमता भी है भीतर
रंग बिखेरे कैनवास पर,
दीवाली पर सजी रंगोली
मास्क बनाये हैलोइन पर !
देश-जहां की चिंता भी है
छोटा सा दिल, दिल में जग है,
कभी एक अल्हड़ बाला सी
बसता जिसमें बचपन भी है !
सखियों के संग पिकनिक मस्ती
फिर कोविड का पाया प्रसाद,
सुख-दुःख तो आना जाना है
रह जाता है शेष उल्लास !
दोसा, केक, चॉकलेट संग
बीत गए वे दिवस अकेले,
भरे-पूरे से इस कुनबे में
इंद्रधनुष के रंग बिखरते !
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