जन्मदिन एक अवसर अनुपम
तीन दशक औ' पाँच वर्ष का
सफ़र सुहाना है जीवन का,
कभी धूप झुलसाने वाली
ज़्यादातर मौसम वसंत का !
बाधाएँ कुछ कर ना पातीं
अभय भरा है कूट-कूट कर,
तरह-तरह के वाहन भाते
गतिमय है जीवन का हर पल !
समुचित श्रम तथा सौभाग्य से
एक मुक़ाम मिला है तुमको,
कार्यालय में सब जानते
और मानते भी क्षमता को !
जीवन में कुछ किया है हासिल
गर्व सभी को अति है तुम पर ,
यूँ ही गढ़ो कीर्तिमान नए
सीमा है केवल अनंत नभ !
जन्मदिन एक अवसर अनुपम
दो पल थमकर खुद में झांकें,
चले कहाँ से, कहाँ है जाना
मार्ग सही चुन सदा संभल के !
आशीषों की झोली मन में
ऐसे ही तुम आगे बढ़ना,
जन कल्याण व सेवा भी हो
नए नूतन कोड भी रचना !
बनो प्रेरणा टीम के लिए
कभी-कभी पकवान बनाना,
पहने एप्रन महक उड़ा के
किचन को थोड़ा सा फैलाना !
जीवन संगिनी सदा साथ है
हर सुख-दुःख में हर मोड़ पर,
स्वप्न पूर्ण हों तुम दोनों के
सदा खिला हो सुंदर सा घर !
बेहतरीन शुभ आशीष !
ReplyDeleteखूबसूरत अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteबढ़िया अभिव्यक्ति आशीषों के साथ
ReplyDeleteअति सुंदर👌
ReplyDeleteसुंदर रचना
ReplyDeleteजन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं
सतीश जी, रूप जी व ज्योति जी आप सभी का स्वागत व आभार !
ReplyDelete