जन्मदिन पर स्नेह व शुभकामनाओं सहित
मस्ती का है नाम मुकेश
जल्दी उड़ गए जिसके केश
अपनाया गेरुआ वेश
देता सबको प्रेम संदेश !
भोग लगाता पंडित जैसा
बचपन में करता था पूजा
चुनरी ओढ़ नृत्य भी करता
कोई झिझक न कोई हूजा !
अनुज सभी का सबका स्नेही
दुल्हन भी अति सुंदर पायी
प्यारी सीं दो मिलीं बेटियाँ
किस्मत उसने अद्भुत पायी !
अपना समझ के काम करे वह
कर्मशील न थकना जाने
प्रमोशन भी पाए कितने
नाम बैंक में हर कोई जाने !
सुखमय हो जीवन का हर पल
जन्म दिवस पर तुम्हें बधाई
पिता की सेवा का अवसर पा
नित नयी तकदीर बनाई !
बढ़ते चलो साधना पथ पर
पालो भीतर शांति के स्वर
मिले शाश्वत का सान्निध्य
उड़ो गगन में लगा ध्यान पर !
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