ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ
नामरूप में जन्मी रूमी नौगांव में बचपन बीता
शिवसागर में शिक्षा पाई गोहाटी ने भी दिल जीता I
बी एड करके बनी शिक्षिका आज भी वह हैं पढ़ाती
सन पचासी में ब्याह हुआ फिर अभिनव पुत्र की प्राप्ति I
सहज, सरल, मधुर वाणी स्वभाव शांत है पाया
गरिमा पूर्ण व्यक्तित्व आपका धैर्य अनोखा छाया I
भ्रमण का है शौक उनको घूम चुकी हैं देशविदेश
शेष समय में पढ़ना और पढाना ही भाता है विशेष I
आर्ट ऑफ लिविंग में हुआ था परिचय कितने भजन संग गाये
कितनी बार आपके हाथों सुस्वादु प्रसाद पाए I
जीवन कितना बीत चुका है मन का अलबम आज बताता
हर जीवन है यहाँ अनंत खोलो जितना खुलता जाता I
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