Thursday, October 28, 2010

मंजू जी

 ढेर सारी शुभकामनाओं सहित

प्यारी सी मंद मुस्कान और हास्य भी अति मधुर
काया प्रौढ़ हो चली लेकिन चमक वही है चेहरे पर I

वस्त्रों का सुंदर संयोजन एक सलीका जीवन में
नियमित दिनचर्या को पालें जोश बहुत भरा दिल में I

रहीं गोल्फ की कुशल खिलाडी महाजोंग भी खेलें
पाकशास्त्र भी साधा सबसे मिलना-जुलना भाये I

रोहतक की मूल निवासिनी दिल्ली अब घर अपना
नन्हू, गट्टू बड़े हुए अब दादी बनने का सपना I

बहू शालिनी बनी बिटिया मधुर आपकी बोली
याद आ रही बीती बातें यादोँ की गठरी खोली I

इसी तरह आप मुस्काएँ स्नेह सदा सब पर लुटाएँ
आज विदा की इस बेला में संदेसे प्रियजन के पाएँ I



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