कुछ दोहे प्रीत भरे
भैया-भाभी आ रहे बिटिया के संग आज
मन में उठी उमंग का असल यही है राज I
छोटी भाभी साथ है दुगना है उल्लास
पलक पांवड़े बिछा रही मन में खिली पलास I
दिल्ली दुलियाजान का हुआ मिलन है आज
शुभ दिन है शुभ घड़ी भी हुआ चैत्र आगाज I
सुमन खिले चहुँ दिशा में ऋतु नरेश का काल
हर्षित भई आराधिका रेखा क्षितिज की लाल I
दिगबोई में चित्र लिए डिब्रुगढ़ से ट्रेन
गोहाटी में कर दर्शन पाया दिल का चैन I
मेघालय जा पहुंचे अब शोभित किया शिलौंग
सुख उजाला बरस रहा है दिनेश का संग I
घर अब देखो बुला रहा यात्रा करें समाप्त
यादें मधुर समेट दिलों में खुशियाँ कर लें प्राप्त I
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