Thursday, October 28, 2010

सौमित्र जी

जन्म दिवस पर शुभकामनाओं सहित

एक यात्रा का शुभारंभ एक कहानी शुरू हुई
बरसों पूर्व आज के दिन यह रवानी शुरू हुई I

जाने कितने अनुभव पा उम्र पंछी हर वर्ष थमे  
एक पड़ाव पुनः मिला है मन मतवाला मुग्ध रमे I  

कलाकार की दृष्टि पाई मेधा है वैज्ञानिक की
अर्थशास्त्र की सूझबूझ भी बड़ी सजगता ग्राहक की I

नपातुला सा भोजन अपना नपातुला बस हो व्यायाम
टीवी पर बस रोक नहीं है बाकि नियमित सारे काम I

या फिर अपनी नजर टिकी है लेंस के पीछे से जग पर
बादल, पंछी, प्रकृति सुंदर या मानव कृत रचनाओं पर I

सुविधा पहले जेब बाद में कितने सेट टिकटों के लें
पूजा हो या उत्सव कोई उपहारों से घर भर दें I

यानि कि जीवन रसमय है प्रिया संग सुंदर यात्रा 
माँ का ध्यान सदा रहता है बिटिया एमबीए छात्रा I

जन्म दिवस पर ढेर बधाई हम सब शुभचितंक लाए
हों लजीज पकवान सामने बार-बार यह दिन आये I











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