जन्म दिवस पर शुभकामनाओं सहित
एक यात्रा का शुभारंभ एक कहानी शुरू हुई
बरसों पूर्व आज के दिन यह रवानी शुरू हुई I
जाने कितने अनुभव पा उम्र पंछी हर वर्ष थमे
एक पड़ाव पुनः मिला है मन मतवाला मुग्ध रमे I
कलाकार की दृष्टि पाई मेधा है वैज्ञानिक की
अर्थशास्त्र की सूझबूझ भी बड़ी सजगता ग्राहक की I
नपातुला सा भोजन अपना नपातुला बस हो व्यायाम
टीवी पर बस रोक नहीं है बाकि नियमित सारे काम I
या फिर अपनी नजर टिकी है लेंस के पीछे से जग पर
बादल, पंछी, प्रकृति सुंदर या मानव कृत रचनाओं पर I
सुविधा पहले जेब बाद में कितने सेट टिकटों के लें
पूजा हो या उत्सव कोई उपहारों से घर भर दें I
यानि कि जीवन रसमय है प्रिया संग सुंदर यात्रा
माँ का ध्यान सदा रहता है बिटिया एमबीए छात्रा I
जन्म दिवस पर ढेर बधाई हम सब शुभचितंक लाए
हों लजीज पकवान सामने बार-बार यह दिन आये I
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