Thursday, October 28, 2010

अध्याति

जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ

दुबली पतली पर जोशीली
थोड़ी सी है वह शर्मीली
कहते सब बस पढ़ती रहती
दसवीं की छात्रा अध्याति !

अधि धन आति यानि पढ़ाकू
सुंदर मुखड़ा रंगत गोरी
हँसी मनोहर झरें पुष्प ज्यों
घर भर की है बड़ी दुलारी !

संतोषी स्वभाव है उसका
नखरे वखरे वह न जाने
दादा जी का ध्यान सदा है
माँ, पापा, दीदी की माने !

परिवार को नाज है तुमपे
अध्याति तुम एक रतन हो
परिश्रम ही बने कसौटी
चमको जग में यही जतन हो !

जन्मदिवस पर तुम्हें बधाई
मस्त रहो प्रसन्न अदा
उज्ज्वल हो कल आने वाला
स्वप्न करो साकार सदा !



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