शुभकामनाएँ
दुबला-पतला बदन इकहरा
भरा जोश अंतर में अतुलित
पल-पल रहती पूर्ण सजग वह
करना चाहे सब कुछ समुचित I
करती नाम सार्थक अपना
वातावरण बनाये प्रज्जवलित
छोटा-बड़ा हो साथ किसी के
अन्याय न करे समर्थित I
सुंदर वस्त्रों का संयोजन
पारंपरिक हों या आधुनिक
सज-धज मोहक वाक्-पटु भी
रूचि पाई है परम धार्मिक I
देवर, जेठ, नन्द, सासु माँ
रिश्ते सभी निभाना जाने
प्रातः भ्रमण नियम से करती
मायके पर भी मिटना जाने I
नन्हें-नन्हें बच्चों को नित
स्नेह देकर करती अनुशासित
बिटिया पर बस चले न कोई
हो जाती उससे ही शासित I
वात्सल्य की जीत सदा हो
उर भीगे नेह से हो पुलकित
नियम सभी पीछे रह जाते
भोलेपन पर होती अर्पित I
सेवा और साधना करती
मस्ती का यही है राज
स्वीकारो हार्दिक बधाई
जन्म दिवस आया है आज I
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