जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ
एक
वसंत और देखा है
एक
गीत नया गाया,
बहना
के संग बांटी खुशियाँ
माँ-पापा
को सब भाया !
सुंदर
परिधानों में फबती
काला
चश्मा, अधर विहंसते,
गीत
और संगीत पिरोया
सुंदर
स्वप्न सजे नयनों में !
पिकनिक
सा जीवन बीतता
पंछी,
नील गगन भाते हैं,
सखियों
संग जो दिवस गुजारे
दिन
वे याद बहुत आते हैं !
जन्मदिवस
कुछ कहने आया
एक
बरस तुम बड़ी हो गयी,
जीवन
अति उदार दाता है
निज
पावों पर खड़ी हो गयी !
पूर्ण
करो उन ख्वाबों को भी
जो
रातों की नींद उड़ाते,
मंजिल
पर जाकर ही थमना
यही
दुआ निकलती दिल से !
अनिता मासी
२ फरवरी २०१६