Sunday, November 27, 2022

सादगी का दीप जलता


विवाह की वर्षगाँठ पर 



एक घर है दोस्ती का 

प्यार की छाँव में पलता, 

एक घर है रौशनी का 

हर अँधेरा दूर रखता !

 

इक भरोसा सदा मन में 

सत्यता का फूल खिलता, 

एक अपनापन अनोखा 

सादगी का दीप जलता !

 

बड़ों का आशीष भी है 

मित्रों की शुभकामनायें, 

प्राणियों, फूलों की भी 

घर में फैली हैं दुआएं !

  

ध्यान रखते हो सभी का 

स्वयं का भी ध्यान रखना,

स्वप्न नयनों में सलोने 

अधर  पर मुस्कान रखना !

 


Friday, November 11, 2022

जीवन से संदेश दे रहे

आदरणीय व पूज्यनीय पापाजी के लिए बावनवें

जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं सहित 

​​

 अंतर-मन  अति है उत्साहित, हर दिन का स्वागत करें हँसकर 

दो अख़बारों के माध्यम से, दुनिया भर का लगता चक्कर !

 

बिस्तर लगा स्वयं नित  उठाते, ज़रा नहीं  प्रमाद है तन को

फ़ेसबुक, व्हाट्सएप, आदि का, अच्छा ख़ासा  ज्ञान आपको !

 

राजनीति से दूर ही रहें,  भक्ति की महानता  बताएँ

नव तकनीक सीखने का गुर, अपने हाथों चाय बनाएँ   !

 

जीवन के हर रूप की कद्र, भारत  के प्रति प्रेम अपार 

वचनों में है सत्य झलकता, दिल पाया है अतीव उदार  !

 

छोटी-छोटी बातों का भी, रहता आया ध्यान बहुत  ही 

लम्बे जीवन का यही राज,  संतुलित चर्या, साफ़-सफ़ाई !

 

माँ भी समा गयीं हैं भीतर, उनका रोल सहज निभाते 

नाती-पोते,पुत्र-पुत्री  सँग,  नव  पीढ़ी पर ममत्व लुटाते !

 

पूर्ण सजग है दृष्टि आपकी, गहराई से जग को देखे

नज़रों से कुछ बच ना पाता,  जीवन से संदेश दे रहे !

 

धैर्य असीम, आस्था अपार, याददाश्त भी बहुत तेज है, 

बचपन मन में अब भी ताज़ा, उर्दू-फ़ारसी के शेर हैं !

 

ज्ञान का इक स्रोत है भीतर, जिसने थामा  है तन-मन को

करुणा , प्रेम, भरोसा झलके, मिसल बनाया है जीवन को !

 

अनिता 

८ नवम्बर २०२२ 

 


इक दूजे का साथ निभाकर

 प्रिय भांजी के लिए 

जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं सहित 

 

दिल में  सुख  की गागर  फूटी, तन-मन को जो भिगो रही है 

ऐसे ही मुसकाती रहना, ज्योति प्रेम की बिखर रही है !

 

पावन  बंधन में बँधना है, अंतर में फुलझड़ियाँ फूटें

नयनों में नव  स्वपन सजे हैं, हर बाधा हर संकट छूटे !

 

जीवन पथ पर साथ निभाने, नया तराना मिल गाएँगे  

दिल से दिल तो मिले हुए हैं, दो कुटुम्ब  भी मिल जाएँगे !

 

कुछ अधिकार सहज मिलेंगे,  कुछ कर्त्तव्य निभाने होंगे 

 अग्निदेव  के फेरे लोगी, मिलकर कदम बढ़ाने होंगे !

 

सुंदर इक परिवार  तुम्हारा, अस्तित्त्व में आ जाएगा  

दोनों परिवारों का सदा ही, रिश्ता सम्मान बढ़ाएगा ! 

 

इस जीवन का पावन लक्ष्य, है मैत्री व साझेदारी 

सेवा व सहयोग, प्रेम से, अर्धांगिनी होती है नारी !

 

शिव के बिना शक्ति कहाँ है, शक्ति बिना शिव भी अधूरे 

इक दूजे का साथ निभाकर, दोनों के हों सपने पूरे !

 

मीठे बोल  सरल स्वभाव से, सबके मन में जगह बनाना 

भीतर छिपी  अनंत ऊर्जा, बिना थके बस बढ़ती जाना !