आदरणीय व प्रिय सिन्हा आंटी को श्रद्धासुमन
दुबली हो गयी काया
मुखड़े पर शांति का भाव एक समान
किसी को कष्ट दिए बिना
किया अपने इस जीवन से प्रयाण
याद आती हैं आपकी मुस्कुराहटें
दबी-दबी हँसी और तृप्ति का अहसास
हाँ, जीवन से भरपूर पाया आपने
सुविचारित, सुसंस्कृत जीवन की अधिकारिणी
बनी रहीं समर्पित पाठिका अंतिम क्षण तक
नहीं त्यागा देह को संवारना, सजाना
दिया जीवन को पूर्ण सम्मान
सदा चलकर समय पर.. उसको मान
जन्म देता है संगीत को
एक लय बद्ध जीवन ही
दिलों में अपनों के
सुमधुर स्मृतियों को भी
आपका स्नेह बेशर्त था
हर निमन्त्रण आपका आग्रह भरा
साझा किया था अपनी यादों को
भागलपुर और पटना की बातों को
शांतिमय हो आगे का पथ आपका
यही है हमारे दिल की दुआ !