छोटी बहन के जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ
खिलखिलाती गुनगुनाती
एक धारा ज्यों ख़ुशी की,
प्रीत की ओढ़े चुनरिया
जीत सुंदर जिन्दगी की !
एक नगमा, ख्वाब कोई
एक हसरत मंजिलों की,
गूँजता स्वर प्रणव जैसे
हो चहक तुम पंछियों की
स्वर्ण सा उर बने कुंदन
ध्यान की पूँजी सहेजो,
सुखद भी हो और पावन
संपदा उर में समेटो !
जन्मदिन पर गा रहा दिल
खिल कुसुम महको जहाँ में
छाँव बन कर दो सहारा
मिले संगी जो राह में !