विवाह की वर्षगाँठ पर
वर्षों का है साथ पुराना
एक हुए थे दोनों आज,
एक-दूजे की कीमत जानें
रिश्ते पर दोनों को नाज !
शुभ दिन आया भर उल्लास
याद दिलाने उस बंधन की,
जीवन में आगे ले जाता
प्रीत जगी है प्रभु पावन की !
सद्गुरु का आलोक जगा है
मन में आया परम प्रकाश,
हर दुःख को हँस कर सह लेते
चिंता का नहीं अवकाश !
बेटी की खुशियाँ चाहते
सदा प्रेरणा उसको देते,
सुखी रहे घरबार सम्भाले
हिम्मत और सहारा देते !
हम सब की भी यही दुआ है
स्वप्न आपके सब हों पूरे,
कोई बात न बिगड़े अब से
नहीं रहें कोई काम अधूरे !