नये वर्ष में प्रस्तुत है एक नया ब्लॉग....इस ब्लॉग में वे कविताएँ है जो अपने मित्रों सम्बधियों के लिये खास तौर से लिखी गयी हैं, जन्मदिन , विवाह, विवाह की वर्षगाँठ, विदाई आदि के मौकों पर लिखी ये कवितायें शायद आपको भी किसी अपने की याद दिला दें.
Friday, December 1, 2023
सात सेंचुरी पूर्ण हुई हैं
Sunday, November 26, 2023
नौंवे दशक में आ पहुँचे हैं
आदरणीय पापा जी के लिए
९३वें जन्मदिन पर
ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
नानक संग साझा जन्मदिन
अंतर में ही रब पाया है,
किया सार्थक निज जीवन को
नाम भी सत् का ही गाया है !
सहज भाव से सुबहें होतीं
धीरे-धीरे सभी क्रियाएँ,
धीरज का एक सागर भीतर
मन दिन भर न डिगने पाये !
स्वीकारा हर एक बात को
साक्षी बन कर जग को देखें,
दुनिया जैसी है वैसी है
मिट गये भीतर भ्रम भुलेखे !
नौंवे दशक में आ पहुँचे हैं
किंतु जोश अभी भी नूतन,
सबके लिए हैं प्रेम, दुआएँ
करे आत्मा भीतर नर्तन !
बना रहे ऐसा बल-संबल
ज्ञान राह पर बढ़ते जाएँ,
अपने सरल सहज जीवन से
हम सब सुखद प्रेरणा पाएँ !
अनिता
२७ नवम्बर २०२३
Thursday, October 19, 2023
मुस्कानों का संबल लेकर
भाभी की मधुर स्मृति में
उनके जन्मदिन पर
भाई के दिल की बात
इक मधुर याद सी बसती हो
मेरे मन के इस प्रांगण में,
इक मधुर गीत सी गूंज रही
इस दिल की हर इक धड़कन में !
इस जग में नित्य विचरता हूँ
मुस्कानों का संबल लेकर,
जो अब भी दीपों सी जलतीं
जो वारी थीं तुमने मुझ पर !
एकाकीपन जब खलता है
तुम हवा के झोंके सी आतीं,
जब पीड़ा से तन अकुलाया
हौले से आकर सहलातीं !
जब नाम रूप से जगत बना
रहे नाम तुम्हारा निकट सदा,
भले रूप नज़र न आता हो
हो यहीं कहीं हर पल लगता !
Friday, October 13, 2023
बगिया सा दिल का हर कोना
आदरणीय दीदी व जीजा जी के लिए
विवाह की अड़तालीसवीं सालगिरह पर
ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ
स्वर्ण जयंती के आने में
मात्र दो वर्ष और शेष हैं,
अबकी भी हर बार की तरह
आया शुभ दिन अति विशेष है !
इक दूजे का हौसला बढ़ा
रख ख़याल दिन बीत रहे हैं,
पुरानी यादों के कुछ चित्र
जैसे मन के मीत बने हैं !
एक अति खुशहाल और सफल
सपनों सा जीवन जीया है,
कभी सुख तो कभी दुख आये
ज़िंदगी का अमृत पीया है !
प्रभु का धन्यवाद करते, मन
अंतर में सन्तोष भरा है !
बगिया सा दिल का हर कोना
मधुर प्रेम से हरा-भरा है !
Tuesday, June 27, 2023
जीवन से संतुष्ट दिख रहे
अंकल के लिए शुभकामनाओं सहित
मनअंतर में उल्लास भरा
मुखड़े पर है ज्ञान दमक,
केश धूप में नहीं पके हैं
दिखती है नयनों में चमक !
आरआरएस को बहुत मानते
सेवा भाव संस्था में है,
अटल जी से परिचय भी था
अनगिन यादें दिल में हैं !
नामरूप में कार्य किया था
फिर शिलांग भी कार्यक्षेत्र था,
अति भाया फिर नगर यह सुंदर
यहीं बसाया है डेरा !
सुंदर संगिनी भी साथ है
संतानें तीन पायी हैं,
जीवन से संतुष्ट दिख रहे
दुःख की यह घड़ी आई है !
किन्तु बन बरगद सी छाया
पुत्री को सहारा देते,
अपनी सहज प्रेम ऊर्जा
हर पल ही बिखराते रहते !
अनिता निहालानी
२० मई २०१५
प्यारी सी मुस्कान सदा
प्रिय भांजी के लिए जन्मदिन पर
याद तुम्हारी सदा बसी है
दिल में कुछ ज्यादा ही गहरी
चली गयी इस बार
देते हैं अब तुम्हें बधाई !
सुनो हजारों बार
प्यारी सी मुस्कान सदा
अब भी तुम बिखराती होगी
नृत्य, गीत के साथ साथ
अव्वल भी आती होगी
लहंगा चुनरी पहन के सुंदर
दर्पण में शर्माती होगी
माँ के मेकअप बॉक्स में गुपचुप
नजर भी दौड़ाती होगी
या फिर सारा वक्त तुम्हारा
पढ़ने में गुजर जाता है
होमवर्क के सम्मुख कुछ भी
और नजर नहीं आता है
जो भी हो तुम खुश रहना
सबसे हिलमिल कर रहना
नाना-नानी माँ पापा के
आंखो की पुतली हो तुम
भैया भी गर्व से कहते
उनकी बड़ी दुलारी हो तुम !
Monday, June 26, 2023
इक मुस्कान सदा मुखड़े पर
छोटी बहन के जन्म दिन पर
जन्मदिवस है खास इस बरस
सिर पर हाथ बड़े भाई का,
दूर से हम सब दें दुआएं
गीत बज रहा है बधाई का !
गया वर्ष खुशियाँ कई लाया
बिजनेस वुमन बनीं शान से,
डॉक्टर का कर्त्तव्य निभाया
होममेकर का जी जान से !
लेडिज क्लब की प्रेसिडेंट भी
घर, समाज दोनों से प्यार,
है विवेक जीवन में जिसके
क्यों होगी कभी उसकी हार !
प्यारी सी दोनों पुत्रियाँ
नये नये आयाम छू रहीं,
माँ-पिता के कदमों पर चल
जीवन में कई रंग भर रहीं !
इक मुस्कान सदा मुखड़े पर
दिल में चाहे हो मुश्किल,
जोश भरा कण-कण में तन के
निकट खड़ी ज्यों हर मंजिल !
Thursday, June 15, 2023
पुनर्मिलन
Friday, March 10, 2023
सौ बसंत ऋतु देखें आप
Sunday, January 15, 2023
सपने तो सबकी आँखों में
जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाओं सहित
नया-नया सा दिन लगता है
नया हौसला भरतीं श्वासें,
नव कलिका मन की शाखों पर
दिल ने छेड़ी हैं नव तानें !
नव क्षितिज थमा जाता कोई
नई चुनौती, नई मंजिलें,
जन्मदिवस भर जाता भीतर
नूतन अनुभवों के सिलसिले !
सपने तो सबकी आँखों में
सच कोई कोई कर पाते,
हो जुनून दिल में पक्का यदि
अंतर में विवेक भी जागे !
मालपुआ औ' मिस्सी रोटी
पावन अग्नि की ज्वाला भी,
मित्रों के संग मिल मनेंगे
लोहड़ी और जन्मदिवस भी !
सुघड़ मिली है जीवनसाथी,
कदम से कदम मिलाकर चलती,
होनहार पुत्रियाँ घर को,
अपनी मुस्कानों से भरतीं !
बहुत बहुत मुबारक शुभ दिन,
जन्मदिवस अनेकों आयें
जीवन में हर सुख हासिल हो,
आगे ही बस बढ़ते जायें !