भांजी की मंगनी की रस्म पर
शुभकामनाओं सहित
दिल पर लिक्खा नाम प्रिय का, मन ही मन कन्या मुस्काए
देख देख दर्पण में मुखड़ा, खुद से ही ज्यों शरमा जाये !
कृपा बरसती हो जिस घर में, प्रेमभाव का सदा हो वास
देवों का आगमन निश्चित, जहाँ शुभता का नित्य निवास !
दोनों बहनें खुशी से झूमें, झोली भर-भर दें दुआएं,
मंगनी की शुभ रस्म हो रही, खुशी मनाने के दिन आये !
दी इक-दूजे को अंगूठी, देख-देख निहाल सब होते
मनों में उठती हैं हिलोरें, संबंधी आशीषें देते !
शुभ बेला, मंगलमय घड़ियाँ, सुखद सुहाने पल आए हैं,
पूर्ण हो गए, एक हुए जब, सपने जो देखे मिलजुल हैं !
इसी तरह हँसते मुस्काते, जीवन का सुंदर पथ गढ़ना
ज्योति ज्ञान की भर अंतर में, सबको सँग-साथ लिये बढ़ना !
प्रेम और सम्मान सदा हो, इक-दूजे का ध्यान सदा हो
नई-नई ऊंचाई पा लो, हर क्षेत्र में मान सदा हो !
वर-कन्या की शुभ जोड़ी, स्वयं ईश्वर ने है बांधी
प्रीत पुरानी है वर्षों की, पावन प्रेम से है रांधी
प्रणय यहाँ तक ले आया है, बंधे दोनों एक सूत्र में
गठबंधन यह जीवन भर का, संग-संग अब हर सुख-दुःख में