कुछ रिश्ते मीठे से
नये वर्ष में प्रस्तुत है एक नया ब्लॉग....इस ब्लॉग में वे कविताएँ है जो अपने मित्रों सम्बधियों के लिये खास तौर से लिखी गयी हैं, जन्मदिन , विवाह, विवाह की वर्षगाँठ, विदाई आदि के मौकों पर लिखी ये कवितायें शायद आपको भी किसी अपने की याद दिला दें.
Friday, March 10, 2023
सौ बसंत ऋतु देखें आप
Sunday, January 15, 2023
सपने तो सबकी आँखों में
जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाओं सहित
नया-नया सा दिन लगता है
नया हौसला भरतीं श्वासें,
नव कलिका मन की शाखों पर
दिल ने छेड़ी हैं नव तानें !
नव क्षितिज थमा जाता कोई
नई चुनौती, नई मंजिलें,
जन्मदिवस भर जाता भीतर
नूतन अनुभवों के सिलसिले !
सपने तो सबकी आँखों में
सच कोई कोई कर पाते,
हो जुनून दिल में पक्का यदि
अंतर में विवेक भी जागे !
मालपुआ औ' मिस्सी रोटी
पावन अग्नि की ज्वाला भी,
मित्रों के संग मिल मनेंगे
लोहड़ी और जन्मदिवस भी !
सुघड़ मिली है जीवनसाथी,
कदम से कदम मिलाकर चलती,
होनहार पुत्रियाँ घर को,
अपनी मुस्कानों से भरतीं !
बहुत बहुत मुबारक शुभ दिन,
जन्मदिवस अनेकों आयें
जीवन में हर सुख हासिल हो,
आगे ही बस बढ़ते जायें !
Thursday, December 29, 2022
जीवन में अनुशासन छाया
जन्मदिन पर
वाणी मधुर, प्रेम हृदय में, प्यारी सी मुस्कान लबों पे
पाक कला में पारंगत हैं, घर सँवारा बड़े चाव से !
भक्ति भावना भरी अंतर में, सुंदर मन्दिर एक बनाया
योग-प्राणायाम भोर में, जीवन में अनुशासन छाया
व्हाट्सएप पर सुबह-सुबह ही, सुंदर शुभ सन्देश भेजतीं
वात्सल्यमयी माँ व मासी, नए नए पकवान खिलातीं
बालकनी में हरियाली है, सज्जा दोनों को भाती है
कनाडा कब उड़ कर जा पहुँचें, अब तो बात यही भाती है
जन्मदिवस पर बहुत बधाई, सफल यात्रा की कामना
कृपा ईश की बानी रहे, सबके दिल की यही भावना
Tuesday, December 27, 2022
ज्योति ज्ञान की भर अंतर में
भांजी के लिए मंगनी पर हार्दिक शुभकामनाओं सहित
दिल पर लिक्खा नाम प्रिय का, मन ही मन कन्या मुस्काए
देख देख दर्पण में मुखड़ा, खुद से ही ज्यों शरमा जाये !
कृपा बरसती हो जिस घर में, प्रेमभाव का सदा हो वास
देवों का आगमन निश्चित, जहाँ कंचन-अशोक का निवास !
दोनों बहनें खुशी से झूमें, झोली भर-भर दें दुआएं,
मंगनी की शुभ रस्म हो रही, खुशी मनाने के दिन आये !
दी इक-दूजे को अंगूठी, देख-देख निहाल सब होते
मनों में उठती हैं हिलोरें, संबंधी आशीषें देते !
शुभ बेला, मंगलमय घड़ियाँ, सुखद सुहाने पल आए हैं,
पूर्ण हो गए, एक हुए जब, सपने जो देखे मिलजुल हैं !
इसी तरह हँसते मुस्काते, जीवन का सुंदर पथ गढ़ना
ज्योति ज्ञान की भर अंतर में, सबको सँग-साथ लिये बढ़ना !
प्रेम और सम्मान सदा हो, इक-दूजे का ध्यान सदा हो
नई-नई ऊंचाई पा लो, हर क्षेत्र में मान सदा हो !
कन्या-वर की यह शुभ जोड़ी, स्वयं ईश्वर ने है बांधी
प्रीत पुरानी है वर्षों की, पावन प्रेम से है रांधी
प्रणय यहाँ तक ले आया है, बंधे दोनों एक सूत्र में
गठबंधन यह जीवन भर का, संग-संग अब हर सुख-दुःख में
Thursday, December 22, 2022
जग में शुभ सम्मान कमाया
विवाह की वर्षगाँठ पर
हार्दिक शुभकामनाओं सहित
वर्षों के हैं साथी अनुपम
इक दूजे के दिल में रहते,
मिलकर घर संसार बनाया
दुनिया से हिलमिल कर रहते !
अपने-अपने कार्य क्षेत्र में
दोनों ने ही नाम कमाया,
निज प्रतिभा कौशल के बल पर
जग में शुभ सम्मान कमाया !
चंद महीने ही बाक़ी हैं
सारी दूरी मिट जाएगी,
वर्षों से था आना-जाना
भ्रमण सूची सिमट जाएगी !
नाना जी जब घर पर होंगे
नातिन भी अक्सर आएगी,
छोटी बिटिया की शादी की
तिथि निकट आती जाएगी !
हम सब की है यही कामना
बार बार यह शुभ दिन आए,
बना रहे यह साथ अनूठा
नयन हंसें अधर मुसकाएँ !
Tuesday, December 20, 2022
सच सदा सम्मुख आए
जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाओं सहित
शीघ्र करो निपटारा, जज बनकर मुक़दमों का
जो पहाड़ बनकर खड़े हैं !
देर से न्याय मिले, तो खो जाता है उसका महत्व
सालों तक चक्कर काटते न्यायालयों का
लोग बूढ़े हो जाते हैं,
तारीख़ दर तारीख़ दिए जाते वकील व जज
निर्णय नहीं सुनाते हैं !
तुम देश में नयी आशा, रोशनी की लहर जगाना
लालफ़ीताशाही से मुक्त हो सकें सभी न्यायालय
कुछ ऐसा भी कि झूठा गवाह मनमानी न कर पाए
सच सदा सम्मुख आए
कोई निर्दोष कभी सलाख़ों के पीछे न जाए
न्याय के संवाहक बनना तो याद रखना
कि पंच परमेश्वर होता है
इस जग में चूक हो भी जाए तो उस लोक में सदा इंसाफ़ होता है
मन में ऊँचे आदर्श लिए, अध्ययनशील तुम
परिवार का यश बढ़ाते
भारत के सजग नागरिक बन जीवन का लक्ष्य साधते
जन्मदिवस पर हम सभी की लो हज़ार शुभकामनाएँ
समर्थ बनो भेज रहे हैं दुआएँ !
Monday, December 19, 2022
नयन मिलाये जीवन से जो
जन्मदिन पर
हार्दिक शुभकामनाओं सहित
नयी भोर आयी जीवन में
लेकर सुंदर सन्देश नया,
जन्मदिवस यह कहने आया
जो बीत गया वह समय गया !
नव क्षण यहाँ लिये आता शुभ
ऊर्जा का पावन उपहार,
नयन मिलाये जीवन से जो
पाए वही अनुपम आधार !
आगे ही आगे बढ़ना है
नहीं अन्य यहाँ कोई मार्ग,
पल-पल जिसने राह दिखाई
भीतर जलती है वही आग !
शुभ ही केवल घट सकता है
ईश की इस पावन सृष्टि में,
जिसने जन्म दिया उसके ही
सुन्दरतम इस जीवन घट में !