Monday, November 12, 2018

तुम दोनों का आना

तुम दोनों का आना


जैसे शीतल पवन झकोरा
सहला जाता.. कुछ दे जाता,
या फिर कोई  झरता झरना
भीनी सी फुहार बरसाता !

विमल प्रेम की धार बही थी  
मधुर मिठाई पकवान संग,
हर मुद्रा हर भाव हृदय का
बना प्रकाश.. भरा था आंगन !

आतिश बाजी से गगन रँगा 
जब गगनदीप उन्मुक्त उड़ा,
नये सुस्वादु व्यंजन, सज्जा
अतिथियों का आनंद बढ़ा,

बच्चों संग मित्र बन खेले
जीता उनको उपहारों से,
सबको एक नजर से देखा
बसा नहीं भेद कभी उर में !

तुम दोनों को प्रेम जोड़ता
ऐसे ही मुस्काते रहना,
ज्यों जन्मों के मीत मिले हों
एक हृदय दो तन हो रहना !

विवाह के बाद प्रथम बार दीपावली के अवसर पर जिनके यहाँ पुत्र और पुत्रवधू का आगमन 
हुआ, यह कविता उन सभी परिवारों को समर्पित है. 

Monday, August 6, 2018

जन्मदिवस पर


प्रिय भतीजी को जन्मदिन पर
ढेर सारी शुभकामनाओं सहित


डाक्टर बन कर नाम कमाओ
सेवा की भावना हो मन में,
इंटर्नशिप दिल से पूरी कर
मिले दाखिला भी एमडी में !

बचपन से ही हो मेधावी
परिवार को गर्व है तुम पर,
सदा उसूलों पर ही चलती
श्रम करती निज बलबूते पर !

मौज मनाती हैं जब सखियां
तुम्हें लक्ष्य का भान है रहता,
जीवन का जो उच्च ध्येय है
दृष्टि के सम्मुख ही रहता !

माँ-पापा को आदर्श बनाकर
श्रेष्ठ राह पर तुम चलती हो,
दोनों के परिवारों में भी
प्रिय सभी की सदा रही हो !

जन्मदिन पर बहुत बधाई
ऐसे ही आगे बढ़ना है,
छिपे गर्भ में जीवन के जो
अनुपम पन्नों को पढ़ना है !



Monday, July 30, 2018

जन्मदिन पर


छोटी बहन के जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ


खिलखिलाती गुनगुनाती
एक धारा ज्यों ख़ुशी की,
प्रीत की ओढ़े चुनरिया
जीत सुंदर जिन्दगी की !

एक नगमा, ख्वाब कोई
एक हसरत मंजिलों की,
गूँजता स्वर प्रणव जैसे
हो चहक तुम पंछियों की

स्वर्ण सा उर बने कुंदन
ध्यान की पूँजी सहेजो,
सुखद भी हो और पावन
संपदा उर में समेटो !

जन्मदिन पर गा रहा दिल
खिल कुसुम महको जहाँ में
छाँव बन कर दो सहारा
मिले संगी जो राह में !

Sunday, April 15, 2018

गुड्डू और फार्ज़ी का घर


गुड्डू और फार्ज़ी का घर





जहाँ बेरोकटोक बहती है हवा अपनत्व की,
 मित्र परिवार ही बन गए हैं और ....
परिवार का स्वागत मित्रों की तरह किया जाता है 
सभी भेद भुलाकर अपना बना लिया है कर्मियों को 
जहाँ दो मन एक हो गए हैं
समरसता का संगीत जहां हर पल गूँजता है
जहाँ समृद्धि का साम्राज्य है
भरा रहता है अन्न-जल का भंडार
विशाल है हृदयों का प्राँगण
प्रीत और समझ की बुनियाद पर टिका है जो
उस सुंदर घर पर सदा है कृपा अस्तित्व की
शामिल है दुआ जिसमें हर परिजन की !

Wednesday, January 31, 2018

जन्मदिन पर शुभकामनायें

प्रिय भांजी के लिए 

खुशदिल, सुंदर, मेधावी भी  
जीवन पथ पर बढ़ती जाती,
खट्टे-मीठे अनुभव लेकर 
अपनी झोली भरती जाती !

लहराते केश कांधों पर 
उर में कितने ख्वाब पनपते,
मुखड़े पर है चमक अनोखी
उम्मीदें भर कदम थिरकते ! 

बड़ी बहन भी एक सखी भी 
लावण्या के साथ सदा है,
माँ-पापा को गौरव उस पर 
कुदरत से भी प्रेम बड़ा है ! 

सदा केन्द्रित रहना स्वयं में 
कदम न कभी उखड़ने देना,
जीवन इक उपहार सा मिला 
आदर देकर इसे खोलना ! 

यही दुआएं हम देते हैं 
नजरें कभी न धूमिल होयें, 
सदा पूर्ण हों स्वप्न तुम्हारे 
उगें पुष्प जो तुमने बोये !