Sunday, January 24, 2021

अब पुन: मिला घर का आंगन

प्रिय भांजे के लिए

जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ

 

बरसों घर से दूर रहे तुम

ममता के आँचल से वंचित,

अब पुन: मिला घर का आंगन

मित्रों से मिल अंतर हर्षित !

 

छोटे भाई का निश्छल स्नेह

अर्धरात्रि  को काटा  केक,

पापाजी ने ली है छुट्टी

परिवार हुआ है फिर से एक !

 

वस्त्रों को धोने की चिंता,

नून-तेल-लकड़ी का झंझट,

शॉपिंग, क्लीनिंग की छुट्टी

कुक, मेड का मिटा है टेंशन !

 

बचपन का घर फिर से पाया

बड़े चाव से उसे सजाया,

जिन स्वप्नों को मन में रखा

पूर्ण हों सकें वक्त है आया !

 

जीवन पथ पर बढ़ते जाओ

करुणा भाव मिला है रब से,

जन्मदिवस पर बहुत बधाई

देते हैं हम मिलकर  दिल से ! 


Thursday, January 14, 2021

बगिया श्रम से नित्य निखरती

बहनोई जी के लिए 
जन्मदिनपर ढेर सारी शुभकामनाओं सहित 

हुए प्रौढ़ पर दिल में अब भी
नन्हा सा एक बालक रहता,
मुखड़े पर बन हास्य कभी जो
चुहल भरी बातों में दिखता !

भोर बीतती फूलों के संग
बगिया श्रम से नित्य निखरती,
रसलखेमा की सुबह-शामें
कैद कैमरे में भी होतीं !

सुंदर घर औ' स्वच्छ रास्ते
रोज दुबई की सैर कराते,
उत्तम शेफ होने के राज
अब दूसरों को बतलाते !

सुर-संगीत बसा है दिल में
मधुर गीत अधरों पर रहते,
नए-नए पकवान बनाकर
घर-बाहर सबको खुश रखते !

हरफन मौला पापा पाकर
दोनों बिटियाँ करती नाज,
जीवन संगिनी सदा साथ है
है गुरु ज्ञान पर दृढ़ विश्वास !

जन्मदिवस पर हम सब देते
यह दुआ सब स्वप्न हों पूरे,
इसी तरह हँसते-मुस्काते
जीवन का हर इक क्षण बीते
 

Saturday, January 9, 2021

प्रीत ही भाषा दिलों की

छोटे भाई-भाभी के लिए 
विवाह की वर्षगांठ पर 
दशक बीते संग चलते 
हमसफ़र हम जिंदगी के,
प्रीत ही भाषा दिलों की 
पाठ सीखे बन्दगी के !

इश्क अपना फलसफ़ा है 
डोलती नैया मनों की,
घर बना सारा जहाँ यह 
तोड़ डालीं  हदें सारी !

रब बसाया दिल में जब से 
एक दूजे में झलकता,
बेटियों पर भी लुटाया 
प्रेम अंतर में पनपता !

पिता का है हाथ सिर  पर 
स्नेह का बन्धन अनोखा,
धार बहती शांति रस की 
खुला उर में इक झरोखा !

सुन रहा अस्तित्त्व सारा 
दे रहे हम भी दुआएँ,
साथ यूँही चले जन्मों 
जिंदगी यूँ मुस्कुराये !


 

Monday, January 4, 2021

मन में सुंदर ख्वाब सजे हैं

 छोटी भाभी के लिए 
जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ
 
नानी बनी मिराया की पर 
बचपन भीतर अब भी खिलता, 
प्रिय बहू, समर्पित सहधर्मिणी   
नयनों में अपनापन पलता !

मन में सुंदर ख्वाब सजे हैं 
बिटिया अब घर आने वाली, 
घर गूँजेगा किलकारी से 
मिल मनेगी पहली लोहड़ी !

ध्यान और सेवा से हर पल 
जीवन का बनाया अनुपम, 
हाथों में है कोई जादू 
एक से एक बनाती व्यंजन !

फ़ेसबुक, यू ट्यूब पर एक्टिव 
जाने कितनी बनी हैं सखियाँ, 
अन्नपूर्णा प्रसिद्ध हुआ है
नियमित जिसे अपडेट किया !

जन्मदिन पर यही दुआएं 
आज सभी मिल कर देते हैं, 
इसी तरह तुम बनो प्रेरणा 
ध्यान, साधना सब अपनाएं ! 


  

कितने मौसम आयें-जाएं

प्रिय ननद के लिए 
जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं सहित 
सत्संग की महिमा अपार है
अंतर्मन को देता शक्ति,
जीवन प्रभु की देन है सुंदर
यदि मन में हो उसकी भक्ति !

कितने मौसम आयें-जाएं
सदा खिला रहता है मुखड़ा,
गुरू का ज्ञान बसाया दिल में
सँवर गया ज्यों चाँद का टुकड़ा !

सुबह शाम घर भर की सेवा
गेहूँ, हल्दी पीसा धनिया,
घंटों रही खड़ी पैरों पर
चिक्की,और बनाया खोया !

रिश्तों की अहमियत जानती
प्रेम भाव अंतर में समाया,
प्रेरित किया सदा पुत्रियों को
हमराही का साथ निभाया !

इसी तरह भर आत्मशक्ति से
हर स्वप्न को पूर्ण करो तुम,
जन्मदिवस पर यही कामना
हर दिन हर घड़ी हो अनुपम ! 


Sunday, January 3, 2021

ननद के लिए जन्मदिन पर

ननद  के लिए जन्मदिन पर 
ढेर सारी शुभकामनाओं सहित 
 
एक समुमधुर कविता की तरह 
महकता रहता है तुम्हारा जीवन 
जिसे पल-पल आनंदित करे 
परिवार का सुदृढ़ बंधन !
देश की उन्नति में भी योगदान देती 
वर्षों से मन लगाकर बैंक में ड्यूटी निभातीं 
संतानों का भविष्य भी सुंदर बनाया है 
देकर स्नेह-संस्कार उन्हे परवान चढ़ाया है 
सपने सज रहे हैं मन में शहनाई के भी 
समय आने पर होगें पूर्ण कारज सभी 
छोटी बहन की भूमिका भी बखूबी निभाती 
दीदी-भैया का मान रखकर सदा उन्हें फोन मिलाती 
ससुराल में प्यारी बहू का सम्मान पाया है 
भाभी व देवरानी नहीं सखी बनकर स्नेह लुटाया है
आने वाला वर्ष ही नहीं सारे वर्ष मंगलमय हों 
यही दुआ देते हैं हर एक पल शांति से भरा 
और सुखमय हो !