प्रिय भांजे के लिए
जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ
बरसों घर से दूर रहे तुम
ममता के आँचल से वंचित,
अब पुन: मिला घर का आंगन
मित्रों से मिल अंतर हर्षित
!
छोटे भाई का निश्छल स्नेह
अर्धरात्रि को काटा
केक,
पापाजी ने ली है छुट्टी
परिवार हुआ है फिर से एक !
वस्त्रों को धोने की चिंता,
न
नून-तेल-लकड़ी का झंझट,
शॉपिंग,
क्लीनिंग की छुट्टी
कुक,
मेड का मिटा है टेंशन !
बचपन का घर फिर से पाया
बड़े चाव से उसे सजाया,
जिन स्वप्नों को मन में रखा
पूर्ण हों सकें वक्त है आया
!
जीवन पथ पर बढ़ते जाओ
करुणा भाव मिला है रब से,
जन्मदिवस पर बहुत बधाई
देते हैं हम मिलकर दिल से !
जीवन पथ पर बढ़ते जाओ
ReplyDeleteकरुणा भाव मिला है रब से,
जन्मदिवस पर बहुत बधाई
देते हैं हम मिलकर दिल से !
बहुत-बहुत बहुत खूबसूरत रचना।
सरल-सी, प्यारी-सी कविता है यह आपकी । आपके भांजे को ढेरों आशीष एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteअच्छी रचना, बधाई आपको।
ReplyDeleteबहुत बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुंदर..
ReplyDeleteबहुत बहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteजीवन पथ पर बढ़ते जाओ
ReplyDeleteकरुणा भाव मिला है रब से,
जन्मदिवस पर बहुत बधाई
देते हैं हम मिलकर दिल से !
मेरी भी शत शत हार्दिक शुभ कामनाएं