प्रिय भाई के लिए जन्मदिन पर
शुभकामनाओं सहित
अर्द्धशतक पार हुआ जीवन का
पर बचपन अभी तक थामे है अंगुली
आँखों में वही शरारत
..और अधरों पर छलकती हँसी
उल्लास का हाथ थामा है
बनाया है मीत सत्य को..
हर पल घटते उत्सव की तरह
जीया है जीवन.. पाया भीतर अनंत को
जन्मदिन तो एक बहाना है
हर दिन गीत यही गाना है
इसी दिन सागर में जो लहर उठी थी
मुबारक हो खुशियाँ उसे इस सुंदर संसार की
इस जगत में ‘होना’ मात्र ही सार्थक हो जिसका
अभाव होगा भला उसे किसका..
फिर भी..जन्मदिवस पर हार्दिक शुभकामनायें