जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ
केश लटकते हैं कानों तक
मुखड़े पर मोहक मुस्कान,
झरनों जैसी हँसी बह रही
मन पीड़ा से है अनजान !
अथक परिश्रम करके पहुँची
के जी एम सी के कैम्पस में,
वर्षों तक किया है अध्ययन
लिया दाखिला अब एम डी में !
बच्चों जैसा सरल स्वभाव
बच्चों का इलाज करेगी,
कितने ही मासूमों की वह
तन-मन की पीड़ा हरेगी !
माँ-पापा व दादाजी का
आशीर्वाद सदा ही मिलता,
शेष सभी परिवार जनों का
अंतर तुम्हें देखकर खिलता !
जन्मदिन पर ढेरों बधाई
स्वप्न सभी हों पूर्ण तुम्हारे,
इसी तरह हँसते-गाते ही
इक दिन पा लो सभी किनारे !