Friday, December 11, 2015

जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ


जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ

कल तक जो नन्हा-मुन्ना था
आज अचानक युवा हो गया,
मूँछे भी उग आयीं अब तो
दिल भी कुछ-कुछ जवां हो गया !

कोचिंग और पढ़ाई का क्रम
अब भी चलता पहले जैसे,
यह चिंता भी और समायी
कैरियर का चुनाव हो कैसे !

माँ-पापा की उम्मीदों पर
भाई के निस्वार्थ स्नेह पर,
खरा उतरना होगा अब तो
गुरूजनों की आशाओं पर !

मेहनत करने के दिन आये
मित्रों की मंडली बुलाये,
कभी इधर व कभी उधर झुक
मुश्किल से सामंजस्य बिठाये !

आया आज ख़ुशी का अवसर
सब मिलकर बधाई देते,
हम भी उसमें शामिल होकर
ढेर दुआएं तुमको देते !

सदा सत्य का पथ अपनाना
लक्ष्य सामने अपने रखना,
लोभ और बाधाएं आयें
नहीं कभी निज पथ से हटना !  


छोटे भांजे का आज जन्मदिन है 

Sunday, November 29, 2015

जन्मदिन पर

 भैया के लिये जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ


ऊँचा कद, व्यक्तित्व अनोखा
चौड़ा मस्तक, प्रखर है मेधा,
बचपन में थे बड़े सुदर्शन
नाम नरेश पिता ने दिया !

पढ़ने का है शौक बहुत
मोटा चश्मा चढ़ा आँख पर,
समाचार हों या सुडोकू
पढते पेपर इक इक अक्षर !

नई दिल्ली में बसे द्वारका
मेट्रो की महिमा मानें,
एमटीएनएल के सफल अधिकारी  
कर्म को ही पूजा जानें !

बिटिया को पढ़ाते दिल से
पी टी ए मीटिंग्स में जाते,
होम मिनिस्ट्री को खुश रखते
रिश्तेदारी सदा निभाते !

जन्मदिवस है आज आपका
दो पल याद करें थम कर,
कितनी दूर अभी जाना है
खुशियों से लें मन को भर !






Monday, October 26, 2015

जन्मदिन की शुभकामनायें

प्रिय भांजे के जन्मदिन पर 

सीधा, सच्चा, ईमानदार
संतोषी व दिल में प्यार,
जीवन कैसे बने बेहतर
करता सदा इसका विचार !

नखरा- वखरा वह न जाने
जी, जी कर सब कहना माने,
हिंदू , मुस्लिम दोनों अपने
मित्र में देता भेद न आने !

इंजीनियर बनने का सपना
पूरा करने का दम रखता,
‘ट्विलाइट’ का है दीवाना
फेसबुक पर साझा करता !

बिग भ्राता का रोल निभाता
सभी बड़ों को खुश खुश रखता,
सचिन हमारा होनहार है

उन्नति करे यही दिल कहता !

Monday, October 19, 2015

श्रद्धांजलि


आज वह हमारे मध्य नहीं हैं पर उनकी यादें दिल के कोने कोने में सजी हैं.

प्रिय भाभीजी के लिये

एक रेलवे कॉलोनी है, मुग़लसराय की गलियों में,
वहीं पली, बढ़ीं, पढीं थीं, ब्याही गयीं बनारस में

भरे घर में आयीं भाभी, सँग भईया के फेरे डाल
देवर-ननद, सास-ससुर सब, हुए बहू पाकर निहाल

सीतापुर, सहारनपुर में, कुछेक बरस बिताए फिर
राजधानी में बना आशियाँ, जनकपुरी जा पहुंची फिर

हरि नगर में चंद दिनों तक, रौनक भी फैलाई थी
स्थायी आवास को लेकिन, कृष्ण पुरी ही भायी थी

हंसमुख और मिलनसार भी, सजना-धजना बहुत है भाता
बातों में होशियार बड़ी हैं, पाकशास्त्र की भी हैं ज्ञाता

दोहरा बदन मगर फुर्तीली, भाभी जिनका नाम सुमन है
प्यारी माँ हैं, प्रिया सजीली, बहुत पुराना यह बंधन है

गीत सुनातीं झूम-झूम के, बड़े भाव से पूजा करतीं
कॉलोनी में सबसे मिलकर, सारे पर्व मनाया करतीं

जन्म दिन फिर-फिर आता है, कुछ भूली सी याद दिलाने
सुख-दुःख तो आते जाते हैं, आये हैं हम बस मुस्काने


Thursday, October 15, 2015

जन्मदिन पर


जन्मदिन पर 

आत्म विश्वास से लबरेज
सधे कदम, सुंदर परिधान
जिंदगी को करीब से देख उपजा सहज ज्ञान
उसे विशिष्ट बनाता है...

वह खुले आसमान में उड़ना चाहती है
अपने पंखों पर भरोसा ही नहीं
आसमान की विशालता का अहसास भी है उसे  

प्रिय की आँखों में देख संतोष का भाव
चहक उठती है वह
और खुश है परिजनों सँग
जीने के नए ढंग सीखकर  
नएपन को जीवन में अपनाकर...

वह है एक चार्टर्ड एकाउंटेंट, प्रोफेशनल...
जो परिजनों से लेकर परिचितों तक की खुशी में
शामिल होने का रखती है जज्बा...
दूसरों के जज्बात का अहसास करता
उसका दिल अति कोमल है..

खिले गुलाब सा मुखडा और
विश्वास से भरी आँखें
याद आती हैं  
जन्मदिन मुबारक हो तुम्हें.... !


Monday, October 12, 2015

शुभकामनायें


विवाह की चालीसवीं वर्षगांठ पर 


समय के कुंड में.. डलती रही
प्रीत की समिधा
दो तटों के मध्य में.. बहती रही
प्रीत की सलिला
बीत गये चार दशक कई पड़ाव आए
पुहुप कितने भाव से जग में उगाए
भाव सुरभि है बिखरती
नव कलिकायें विहंसती
जिंदगी अब खिल रही है
चल रहा है इक सफर
मीत मन का साथ हो तो
सहज हो जाती डगर !
लें बधाई आज दिल में
स्वप्न की ज्योति जलेगी  
 मिल मनाएंगे दिवस फिर

जब जयंती स्वर्ण होगी !

Thursday, September 24, 2015

जन्मदिन पर

जन्मदिन पर
ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ


डिजाइनर वस्त्रों में सजती
जैसे कोई मॉडल प्यारी,
मुखड़े पर मौन पसरा है
और सादगी छायी न्यारी !

अभी-अभी लंदन से आई
जीवन के नये सीखे ढंग,
फोटोग्राफ़र एक अनूठी
कैद किये प्रकृति के रंग !

कदमों में एक विश्वास
धैर्य झलकता है नयनों से,
माँ, पापा के दिल का टुकड़ा
है लगाव बहुत बहनों से !

एक कलाकारा सी लगती
गुपचुप कुछ सोचा करती है,
कुछ कहती मुस्कान तुम्हारी
भावोंका सृजन करती है !

जन्मदिन पर ढेर दुआएं
आइसक्रीम व केक सी मीठीं
स्वप्न सभी सच हों जीवन में
पाओ खुशियाँ नित नई सीं ! 

Tuesday, September 1, 2015

सातवें जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ

सातवें जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ

अंक सात का है शुभकारी
सप्त स्वरों की महिमा न्यारी
सतरंगी है इन्द्र्धनुष भी
हुई सात की रिया हमारी I

घर के काम सदा करवाती
होली पर गुजिया भरवाती
माँ की छाया बनी सदा वह
खाने वाली मेज सजाती I

खुश रहती हैं टीचर सारी
तेज दिमाग लिखाई प्यारी
शांत सदा कक्षा में रहती
मैचिंग पर फिदा सुकुमारी I

कुछ न कुछ सदा करना चाहे
छुट्टियों में दिन भरना चाहे
पेंटिंग, ड्राइंग, कशीदाकारी
कहानी सुनना उसको भाए I

कार्टून की है दीवानी
लेकिन न करती मनमानी
मूल्य समय का वह पहचाने
रिया रानी बड़ी सयानी I

भैया के संग होती मस्ती
कभी लड़ाई कभी दोस्ती
पापा डांट कभी न पाए
माँ की बातों पर हँस देती I

जनम दिवस के इस मौके पर
खुशियों के इस सुंदर पल पर
सदा रहो मुस्काती यूँ ही
सभी दुआएँ देते मिलकर I

Friday, August 21, 2015

जन्मदिन मुबारक

 जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ

मस्ती की ओढ़े चादर
दिल जैसे गहरी गागर,
छलक रहीं उम्मीदें पावन
लहरें ज्यों नाचें सागर !

हरी-भरी वादियाँ भातीं
ऊंचे पर्वत से सपने हैं,
प्रीत पुरानी पलती उर में
बसते मन में सब अपने हैं !

उत्तरांचल की पुण्य भूमि में
ध्यान किया हिम शिखरों पर,
किन्तु न टूटी मधुरिम धारा
अब दिल्ली की भी सडकों पर !

सदा समर्पित कर्त्तव्य को
है अनंत से जोड़ा बंधन,
तुष्टि, पुष्टि पाए हर पल
उत्सव एक बना है जीवन !

जन्मदिन तो एक बहाना
सदा दुआएं सब देते हैं,
भाव पुष्प कुछ उमड़े उर में
यह उपहार तुम्हें देते हैं !

अनिता दीदी

२२ अगस्त २०१४ 

Tuesday, August 18, 2015

जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं सहित




जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं सहित

नन्ही सी बिटिया को
दुलराता, हँसाता, खिलाता, सुलाता
वह कितने-कितने रूपों में नजर आता
कम्पनी में देता प्रेजेंटेशन
तरक्की की सीढ़ियाँ चढ़ता
संगिनी के साथ-साथ
पा रहा हर क्षेत्र में प्रमोशन
भाई का संग-साथ
माँ-पापा का सर पे हाथ
बहनों की दुआओं को दिल में समेटता
सागर का जीवन क्रम
बहुत कुछ कहता...

विदाई पर

आदरणीय व प्रिय आंटी के लिये ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ

आधी सदी से दुलियाजान में
बनते देखा तेल नगरी को,
दिल में इक इतिहास छुपाये
ले यादों की इक गठरी को !

सदा जोश भरी वह मिलतीं
जाने कितने दिलों में रहतीं,
किस्सों का हैं एक खजाना
अविरत प्रेम सी बहती रहतीं !

बचपन से ही बड़ी जुझारू
ऊर्जा कभी खत्म न होती,
दुःख सहकर भी सुख ही बाँटें
जीवन उनका सच्चा मोती !

ऊँचा कद, सौम्य मुस्कान
एक बड़ा परिवार बसाया,
असमय छूटा साथ प्रिय का
घेर न पाया दुःख का साया !

बड़े धैर्य से पाला पोसा
ब्याह किया सब कन्याओं का,
आज सुखी हैं सब निज घर में
कदर सिखाया सदा हुनर का !

ज्ञान भरा है गहरा मन में
गुरु के द्वार पे जाना सीखा,
सुख में दुःख में सम रहती हैं
रिश्तों को निभाना सीखा !

 होली हो या हो दीवाली
घर पर ही बनाएँ मिठाई,
निज हाथों से रोपें पौधे
कितनों को सिखाई सिलाई !

आज विदा की बेला आयी
साथ छूटता है अब अपना,
स्मृति सदा रहेगी मन में
जैसे कोई सुंदर सपना !

जहाँ रहें मिसाल बनेंगी
आंटी, आप उजाला जग का
ऐसे ही मुस्काते हँसते,
बढ़े सफर सुंदर जीवन का !