Thursday, October 15, 2015

जन्मदिन पर


जन्मदिन पर 

आत्म विश्वास से लबरेज
सधे कदम, सुंदर परिधान
जिंदगी को करीब से देख उपजा सहज ज्ञान
उसे विशिष्ट बनाता है...

वह खुले आसमान में उड़ना चाहती है
अपने पंखों पर भरोसा ही नहीं
आसमान की विशालता का अहसास भी है उसे  

प्रिय की आँखों में देख संतोष का भाव
चहक उठती है वह
और खुश है परिजनों सँग
जीने के नए ढंग सीखकर  
नएपन को जीवन में अपनाकर...

वह है एक चार्टर्ड एकाउंटेंट, प्रोफेशनल...
जो परिजनों से लेकर परिचितों तक की खुशी में
शामिल होने का रखती है जज्बा...
दूसरों के जज्बात का अहसास करता
उसका दिल अति कोमल है..

खिले गुलाब सा मुखडा और
विश्वास से भरी आँखें
याद आती हैं  
जन्मदिन मुबारक हो तुम्हें.... !


2 comments:

  1. बहुत दिनों बाद आपका पोस्ट पढ कर अभिभूत हुआ। शुभकामनाएं ।

    ReplyDelete
  2. स्वागत व आभार प्रेम जी

    ReplyDelete