प्रिय भांजी के लिए
खुशदिल, सुंदर, मेधावी भी
जीवन पथ पर बढ़ती जाती,
खट्टे-मीठे अनुभव लेकर
अपनी झोली भरती जाती !
लहराते केश कांधों पर
उर में कितने ख्वाब पनपते,
मुखड़े पर है चमक अनोखी
उम्मीदें भर कदम थिरकते !
बड़ी बहन भी एक सखी भी
लावण्या के साथ सदा है,
माँ-पापा को गौरव उस पर
कुदरत से भी प्रेम बड़ा है !
सदा केन्द्रित रहना स्वयं में
कदम न कभी उखड़ने देना,
जीवन इक उपहार सा मिला
आदर देकर इसे खोलना !
यही दुआएं हम देते हैं
नजरें कभी न धूमिल होयें,
सदा पूर्ण हों स्वप्न तुम्हारे
उगें पुष्प जो तुमने बोये !