छोटे भाई-भाभी के लिए
विवाह की वर्षगांठ पर
दशक बीते संग चलते
हमसफ़र हम जिंदगी के,
प्रीत ही भाषा दिलों की
पाठ सीखे बन्दगी के !
इश्क अपना फलसफ़ा है
डोलती नैया मनों की,
घर बना सारा जहाँ यह
तोड़ डालीं हदें सारी !
रब बसाया दिल में जब से
एक दूजे में झलकता,
बेटियों पर भी लुटाया
प्रेम अंतर में पनपता !
पिता का है हाथ सिर पर
स्नेह का बन्धन अनोखा,
धार बहती शांति रस की
खुला उर में इक झरोखा !
सुन रहा अस्तित्त्व सारा
दे रहे हम भी दुआएँ,
साथ यूँही चले जन्मों
जिंदगी यूँ मुस्कुराये !
बहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteसुन रहा अस्तित्त्व सारा
ReplyDeleteदे रहे हम भी दुआएँ,
साथ यूँही चले जन्मों
जिंदगी यूँ मुस्कुराये !
हार्दिक मंगलकामनाएं हमारी ओर से भी
अति सुंदर भाव । उनकी जोड़ी हमेशा सलामत रहे ।
ReplyDeleteबहुत बहुत सुन्दर
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