Friday, March 4, 2022

जन्मदिन मुबारक हो



प्रिय भांजी के लिए


अखियों में बसा इंतजार

कब आयेगा राजकुमार,

ले जायेगा सँग में उसको

और जताएगा इकरार !

 

दर्पण में निहारे खुद को

सुंदर पाया चेहरा मोहरा,

अध्ययन तो हो गया पूरा

कब छंटेगा दिल से कोहरा !

 

स्कूल में थी तो दौड़ लगाती

अब दौड़ने से घबराए,

बॅाली-बॉल, कबड्डी खेली

सँग सखियों के मौज मनाये !

 

अब ‘अनोखी’ सँग दोस्ती

एस.एम.एस. के तोड़े रिकॉर्ड,

चेतन भगत प्रिय लेखक है

याद किया करती है गॅाड !

 

पावभाजी जब मिल जाये

मुख में पानी भर भर जाये,

हर गुरुवार को मंदिर जाके

शिरडी सांई को रिझाये !


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