Tuesday, June 27, 2023

जीवन से संतुष्ट दिख रहे

अंकल के लिए शुभकामनाओं सहित

 

मनअंतर में उल्लास भरा

मुखड़े पर है ज्ञान दमक,

केश धूप में नहीं पके हैं

दिखती है नयनों में चमक !

 

आरआरएस को बहुत मानते

सेवा भाव संस्था में है,

अटल जी से परिचय भी था

अनगिन यादें दिल में हैं !

 

नामरूप में कार्य किया था

फिर शिलांग भी कार्यक्षेत्र था,

अति भाया फिर नगर यह सुंदर

यहीं बसाया है डेरा !

 

सुंदर संगिनी भी साथ है

संतानें तीन पायी हैं,

जीवन से संतुष्ट दिख रहे

दुःख की यह घड़ी आई है !

 

किन्तु बन बरगद सी छाया

पुत्री को सहारा देते,

अपनी सहज प्रेम ऊर्जा

हर पल ही बिखराते रहते !

 

अनिता निहालानी

२० मई २०१५

 



4 comments:

  1. बहुत सुंदर प्रस्तुति।

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  2. स्वागत व आभार ज्योति जी !

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  3. बहुत सुंदर, आदरणीय बड़े बुजुर्ग की बात ही अलग होती है

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  4. स्वागत व आभार मधुलिका जी!

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