विवाह की वर्षगाँठ पर
एक घर है दोस्ती का
प्यार की छाँव में पलता,
एक घर है रौशनी का
हर अँधेरा दूर रखता !
इक भरोसा सदा मन में
सत्यता का फूल खिलता,
एक अपनापन अनोखा
सादगी का दीप जलता !
बड़ों का आशीष भी है
मित्रों की शुभकामनायें,
प्राणियों, फूलों की भी
घर में फैली हैं दुआएं !
ध्यान रखते हो सभी का
स्वयं का भी ध्यान रखना,
स्वप्न नयनों में सलोने
अधर पर मुस्कान रखना !
बहुत बहुत बधाई आदरणीया ,
ReplyDeleteविवाह की वर्षगांठ एवं सुन्दर रचना की भी
स्वागत व आभार तरुण जी!
Deleteजी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(०१-१२-२०२२ ) को 'पुराना अलबम - -'(चर्चा अंक -४६२३ ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
बहुत बहुत आभार अनीता जी!
Deleteबहुत सुंदर अहसासों से सज्जित कोमल भाव।
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाएं 🌷🌷
स्वागत व आभार कुसुम जी!
Deleteबहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति।
ReplyDeleteस्वागत व आभार ज्योति जी!
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