Sunday, November 27, 2022

सादगी का दीप जलता


विवाह की वर्षगाँठ पर 



एक घर है दोस्ती का 

प्यार की छाँव में पलता, 

एक घर है रौशनी का 

हर अँधेरा दूर रखता !

 

इक भरोसा सदा मन में 

सत्यता का फूल खिलता, 

एक अपनापन अनोखा 

सादगी का दीप जलता !

 

बड़ों का आशीष भी है 

मित्रों की शुभकामनायें, 

प्राणियों, फूलों की भी 

घर में फैली हैं दुआएं !

  

ध्यान रखते हो सभी का 

स्वयं का भी ध्यान रखना,

स्वप्न नयनों में सलोने 

अधर  पर मुस्कान रखना !

 


8 comments:

  1. बहुत बहुत बधाई आदरणीया ,
    विवाह की वर्षगांठ एवं सुन्दर रचना की भी

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    1. स्वागत व आभार तरुण जी!

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(०१-१२-२०२२ ) को 'पुराना अलबम - -'(चर्चा अंक -४६२३ ) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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    1. बहुत बहुत आभार अनीता जी!

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  3. बहुत सुंदर अहसासों से सज्जित कोमल भाव।
    हार्दिक शुभकामनाएं 🌷🌷

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    1. स्वागत व आभार कुसुम जी!

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  4. बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति।

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    1. स्वागत व आभार ज्योति जी!

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