आदरणीय व प्रिय दीदी के लिए
जन्मदिन पर ढेर सारी
शुभकामनाओं के साथ
जीवन का जो मर्म जानतीं
तृप्ति का जो धर्म जानतीं,
बनी अजस्र प्रेम की धारा
निष्काम जो कर्म जानतीं !
सदा प्रफ़्फुलित अंतर जिनका
बेशर्त निज प्रेम लुटातीं,
जीवन के इस आयोजन में
रह असंग भूमिका निभातीं !
सत्य, प्रेम, ज्ञान के पथ पर
हो नि:शंक वर्षों से बढ़तीं,
एक अदृश्य लोक से आतीं
किरणों को दामन में भरतीं !
ऐसे ही घर रहे आपका
कृपा बरसती प्रकृति माँ की,
फूलों जैसा खिला रहे मन
लें बधाई इस पावन दिन की !
No comments:
Post a Comment