Monday, June 2, 2025

एक अदृश्य लोक से आतीं

आदरणीय व प्रिय दीदी के लिए 

जन्मदिन पर ढेर सारी 

शुभकामनाओं के साथ 


जीवन का जो मर्म जानतीं 

तृप्ति का जो धर्म जानतीं, 

बनी अजस्र प्रेम की धारा 

निष्काम जो कर्म जानतीं !


सदा प्रफ़्फुलित अंतर जिनका 

बेशर्त निज प्रेम लुटातीं, 

जीवन के इस आयोजन में 

रह असंग भूमिका निभातीं !


सत्य, प्रेम, ज्ञान के पथ पर 

हो नि:शंक वर्षों से बढ़तीं, 

एक अदृश्य लोक से आतीं 

किरणों को दामन में भरतीं !


ऐसे ही घर रहे आपका 

कृपा बरसती प्रकृति माँ की, 

फूलों जैसा खिला रहे मन 

लें बधाई इस पावन दिन की !



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