जन्मदिन पर
मुखड़े पर मुस्कान थिरकती
दिल में जोश युवाओं सा है,
हाथों में कर्मठता समुचित
जीवन मुक्त हवाओं सा है !
शेफ कहलाना करें सार्थक
अनगिन लोगों को सिखलाया,
शहर, शहर, होटल, होटल जा
अपने बिजनस को फैलाया !
जीवनसाथी सदा साथ है
बेटियों के दिलों को बूझें,
भाइयों-बहनों के लाडले
यूएइ के रास्ते सूझें !
फूल खिलाये शाक उगाये
साइकलिंग कर वजन घटाया,
घंटों पहरों करी नौकरी
चिह्न थकान का इक न पाया !
जन्मदिवस कुछ कहने आया
इक दिन तो सिमटेगा डेरा,
भीतर जाकर उससे मिल लें
जिस घट लगने वाला फेरा !
शीश झुका कर भरे नयन से
करें शुक्रिया उस दाता का,
जिसने कोई कमी न छोड़ी
उसी अनाम परम ज्ञाता का !
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