जन्मदिन पर
माँ की उंगली पकड़
के तुमने
जिस दिन चलना
सीखा था,
पिता के कांधे पर
पर चढ़ कर
इस दुनिया को
देखा था !
आज स्मरण करने का
दिन वे
आगे पीछे घूमा
करते,
बात तुम्हारे मुख
से निकली
बड़े प्यार से
पूरा करते !
आज खड़ी निज पैरों
पर तुम,
उनको तुम पर गर्व
हो रहा,
एक समर्थ सजग
बिटिया को
देख-देख कर हर्ष
हो रहा !
है कृतज्ञ हो
जाने का दिन
हाथ जोड़ मन्दिर
में जाना,
समृद्धि वैभव जो
भी पाया
धन्यवाद दे उसे
जताना !
जन्मदिवस पर यह
भी सोचें
नूतन वर्ष मिला
जो आगे,
बने योजना कुछ
ऐसा हो
जिससे अंतर्मन यह
जागे !
सच कहा है ... माता पिता, गरु, इश्वर को जनम दिन के दिन तो जरूर न सिर्फ याद बल्कि धन्यवाद भी करना चाहिये ... उन्ही के कारन ये संसार भी है ...
ReplyDeleteअच्छी रचना अच्छा सन्देश ...