जन्मदिन पर
अल्हड़ छोरी, दीपा रानी
प्यारा मुखड़ा, मीठी वाणी,
खूब किताबें पढ़ती है पर
मोबाइल की है दीवानी !
नये-नये फैशन वह जाने
तरह-तरह की मुद्राएँ भी,
सखियों संग पटती है खूब
कभी मुक्त हो गाये भी !
पैरों में छिपा है नाच
दिल भी ताता थैया करता,
कभी किसी को नहीं सताता
सुख बांटे यह इच्छा करता !
दीदी-जीजू जान छिड़कते
माँ-पापा की आँख का तारा,
जन्मदिवस पर लो बधाई
बीते सुख से जीवन सारा !
बहुत प्यारी कविता।
ReplyDeleteप्यारी कविता ..मेरी तरफ से भी ढेर सारी बधाई
ReplyDeleteभ्रमर ५
जनम दिवस की तुम्हें बधाई ,
ReplyDeleteखाओ लड्डू और मिठाई।
जनम दिवस की तुम्हें बधाई ,
ReplyDeleteखाओ लड्डू और मिठाई।
बहुत ही अच्छी कविता।जनम दिवस की बधाई.। मेरे नए पोस्ट पर आपकता इंतजार रहेगा।
ReplyDeleteउत्तम रचना ...............जनदिन की बधाई
ReplyDeleteअभिषेक जी, सुरेन्द्र जी, वीरू भाई, प्रेम सरोवर जी, और हर्षिता जी, आप सभी का स्वागत व आभार !
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